केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे में फर्जी तरीके से नौकरी पाने के मामले में 4 लोगों और 2 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसमें 3 रेलवे अधिकारी और 1 फर्जी उम्मीदवार शामिल हैं. मामला पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर (मध्य प्रदेश) के सतर्कता विभाग की शिकायत और सिफारिश पर 21 फरवरी 2025 को दर्ज किया गया.

आरोपियों के नामवेस्ट सेंट्रल रेलवे के कोटा डिवीजन के गुड्स ट्रैन मैनेजर राजेंद्र कुमार मीणा, कोटा डिवीजन के इलेक्ट्रिकल विभाग में बतौर सहायक टीआरडी सपना मीणा, टेक्निकल विभाग में कार्यरत चेतराम मीणा, लक्ष्मी मीणा और 2 अन्य अज्ञात लोग शामिल हैं.

क्या है मामला?आरोप है कि पश्चिम मध्य रेलवे, कोटा (राजस्थान) में तैनात असिस्टेंट टीआरडी (खलासी हेल्पर) ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर रेलवे की नौकरी पाने के लिए धांधली की. उसने एक डमी उम्मीदवार की मदद ली, जिसने उसके स्थान पर रेलवे भर्ती परीक्षा दी. पूरी चयन प्रक्रिया में फर्जी पहचान पत्र, फोटो और उंगलियों के निशान का इस्तेमाल किया गया. इतना ही नहीं, नौकरी पाने के लिए 15 लाख रुपये की रिश्वत भी दी गई. इस गड़बड़ी में कुछ अज्ञात रेलवे अधिकारियों के शामिल होने की भी आशंका जताई गई है.

सीबीआई कर रही है छापेमारीसीबीआई ने इस मामले में राजस्थान के कोटा और सवाई माधोपुर जिलों में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की है. जांच एजेंसी ने महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएंरेलवे भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं. रेलवे में नौकरी पाने के लिए कुछ लोग पैसे देकर दूसरे उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठाते हैं. फर्जी दस्तावेज, बायोमेट्रिक पहचान बदलने और परीक्षा में हेराफेरी करने जैसी घटनाएं होती रही हैं. रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) समय-समय पर इस तरह की धोखाधड़ी रोकने के लिए नियमों को कड़ा करता रहा है, लेकिन फिर भी कुछ लोग सिस्टम को चकमा देने की कोशिश करते हैं.

जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभवसीबीआई ने कहा है कि जांच अभी जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. जांच एजेंसी इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि कहीं इस गड़बड़ी में रेलवे के अन्य कर्मचारी या अधिकारी तो शामिल नहीं हैं.

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