रेलवे विभाग में भर्ती से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने वडोदरा, मुंबई और अन्य जगहों के रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में विभागीय परीक्षा में पास करवाने के बदले उम्मीदवारों से पैसे वसूले. 

इन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज

CBI ने अंकुश वासन (IRPS, वेस्टर्न रेलवे, वडोदरा), संजय कुमार तिवारी (डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर, चर्च गेट, वेस्टर्न रेलवे, मुंबई), नीरज सिन्हा (डिप्टी सुपरिटेंडेंट) और मुकेश मीणा समेत कई और अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. 

उम्मीदवारों की सूची बनाने के दिए निर्देश 

जांच में सामने आया है कि अंकुश वासन ने संजय तिवारी को निर्देश दिया कि वो ऐसे 10 उम्मीदवारों की सूची बनाएं जो पैसे देकर परीक्षा में पास होना चाहते हैं. इसके बाद हर उम्मीदवार से 4-5 लाख रुपये की रिश्वत ली गई. 

कैश की जगह अधिकारियों ने लिया सोना  

CBI के मुताबिक, ये लेन-देन पूरी तरह गुप्त तरीके से किया गया. रिश्वत के रूप में कैश की जगह सोना लिया गया ताकि इसका कोई रिकॉर्ड न रहे और कोई इनवॉइस भी न बन सके. CBI इस पूरे मामले की जांच कर रही है. 

CBI की जांच जारी 

CBI इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और ये पता कर रही है आखिरकार ये कब से चल रहा था. इसमें और कौन शामिल हैं. सीबीआई इस मामले में जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती हैं. 

भर्ती घोटालों पर CBI की पैनी नजररेलवे में भर्ती घोटालों के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं. फर्जीवाड़े के जरिए नौकरी दिलाना भर्ती प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी को दिखाता है. इससे पहले भी कई राज्यों में रेलवे परीक्षा में नकल, पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स के इस्तेमाल के मामले उजागर हुए हैं. 

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