नई दिल्ली: सीबीआई ने शेयरों का लेन-देन सेबी से छिपाने और एक निजी बैंक को नुकसान पहुंचाने के आरोप के चलते आज एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय के घर पर तलाशी ली. चैनल ने इस कदम को ‘पुराने झूठे आरोपों’ पर आधारित ‘बदले की कार्रवाई’ करार दिया.


सरकार पर केजरीवाल का हमला


इस कार्रवाई के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने  इसकी निंदा की. केजरीवाल ने कहा कि ये ‘‘स्वतंत्र और सत्ता-विरोधी आवाजों को बंद कर देने’’ का प्रयास है.


केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ‘‘हम डॉ रॉय और एनडीटीवी समूह पर की गई छापेमारी की कड़ी निंदा करते हैं. यह स्वतंत्र और सत्ता विरोधी आवाजों को बंद कर देने की कोशिश है.’’


सरकार का जवाब: राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं - वेंकैया नायडू


सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय राय की संपत्तियों पर सीबीआई के छापे कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है और कानून अपना काम कर रहा है.


नायडू ने कहा ‘‘अगर कोई कुछ गलत करता है तो केवल इसलिए आप सरकार से चुप रहने की अपेक्षा नहीं कर सकते कि वह मीडिया से संबद्ध है.’’


उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में मीडिया स्वतंत्र और आजाद है.


एनडीटीवी का बयान


एनडीटीवी ने इसे ‘बदले की कार्रवाई’ करार दिया. टीवी चैनल ने अपने एक बयान में कहा, ‘‘आज सुबह सीबीआई ने पुराने अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी और उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया.’’ चैनल ने कहा कि वो इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे.


बयान में कहा गया, ‘‘हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे. भारत के संस्थानों और भारत जिन चीजों के लिए खड़ा है, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक संदेश देना चाहते हैं- हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन ताकतों पर जीत हासिल करेंगे.’’


आरोप और कार्रवाई


सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने आईसीआईसीआई बैंक को कथित तौर पर 48 करोड़ रूपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में रॉय, उनकी पत्नी राधिका और आरआरपीआर होल्डिंग्स के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है.


उन्होंने कहा कि एजेंसी दिल्ली और देहरादून में चार स्थानों पर तलाशी ले रही है.


आरआरपीआर होल्डिंग्स ने जनता से एनडीटीवी के 20 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड से कथित तौर पर 500 करोड़ रूपए का कर्ज़ लिया था.


सीबीआई ने आरोप लगाया कि एनडीटीवी के प्रमोटरों ने एनडीटीवी में अपने तमाम शेयरों को गिरवी रखकर आईसीआईसीआई से यह रिण लिया था.