HPZ Token App Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 30 जगहों को कवर करते हुए एक व्यापक राष्ट्रव्यापी तलाशी अभियान चलाया है. सीबीआई ने ये एक्शन ऐप आधारित धोखाधड़ी निवेश योजना - एचपीजेड टोकन ऐप से संबंधित मामले की चल रही जांच के तहत लिया है.


न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने बुधवार (01 मई) को कहा कि तलाशी में मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड, ईमेल खाते और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने दो निजी कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ इस आरोप में मामला दर्ज किया था कि आरोपी एचपीजेड टोकन ऐप से जुड़ी एक धोखाधड़ी निवेश योजना में शामिल थे.


दिल्ली से लेकर तमिलनाडु तक सर्च ऑपरेशन 


सीबीआई के अनुसार कथित आरोपियों के नाम शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड (दोनों निजी कंपनियां) और उनके निदेशक हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने ये सर्च ऑपरेशन दिल्ली, राजस्थान, यूपी, बिहार, एमपी, महाराष्ट्र ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में चलाया. 


क्या है मामला?


एचपीजेड एक ऐप-आधारित टोकन है जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो मुद्राओं के लिए खनन मशीनों में निवेश करके बड़े लाभ का वादा करता है. जालसाजों ने कथित तौर पर एक कार्यप्रणाली का इस्तेमाल किया जो पीड़ितों को बिटकॉइन खनन में उनके निवेश पर भारी रिटर्न के बहाने एचपीजेड टोकन ऐप में निवेश करने के लिए लुभाता था. सीबीआई के मुताबिक, अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपियों से जुड़े करीब 150 बैंक खातों का इस्तेमाल निवेशकों से रकम इकट्ठा करने के लिए किया गया था.


सीबीआई ने क्या कहा?


कथित तौर पर, इन फंड्स का उपयोग शुरू में विश्वास बनाने के लिए भुगतान के लिए किया गया था. भारत से अवैध रूप से ट्रांसफर करने से पहले इस फंड को अक्सर क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जाता था या हवाला लेनदेन के माध्यम से ट्रांसफर किया जाता था. सीबीआई ने कहा, "इस मामले में की गई तलाशी, धोखाधड़ी योजना को खत्म करने और आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है. आगे की जांच जारी है."


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