केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इंटरपोल के ऑपरेशन HAECHI-VI में बड़ी सफलता हासिल की है. इस इंटरनेशनल ऑपरेशन का मकसद ऑनलाइन ठगी और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर रोक लगाना था. इस अभियान में CBI ने 8 बड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया और 45 संदिग्धों की पहचान की, जो कई देशों में फैले साइबर क्राइम नेटवर्क से जुड़े थे.

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CBI ने बताया कि इन अपराधियों से 66,340 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 55 लाख रुपये कैश बरामद किया गया है. साथ ही 30 बैंक अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा रहा था.

अमेरिकी एजेंसियों के साथ मिलकर सीबीआई ने की कार्रवाई

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CBI के इंटरनेशनल ऑपरेशंस डिविजन ने इस पूरे ऑपरेशन के दौरान अमेरिकी FBI, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और जर्मनी की एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया. अमेरिका से मिली जानकारी पर CBI ने दो ऐसे अपराधियों को पकड़ा, जो सोशल मीडिया के जरिए अमेरिकी नाबालिग लड़कियों को फंसा रहे थे. वे उन्हें धमकाकर अश्लील तस्वीरें और वीडियो भेजने को मजबूर करते थे.

इसी ऑपरेशन के दौरान, FBI से मिले इनपुट्स पर दिल्ली और अमृतसर में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटर पकड़े गए. ये कॉल सेंटर अमेरिकी नागरिकों को टेक सपोर्ट देने के नाम पर ऑनलाइन ठग रहे थे.

सिलीगुड़ी में जर्मन नागरिकों को ठगने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़

वहीं, जर्मन एजेंसियों से मिली जानकारी पर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (दार्जिलिंग) में एक और फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया, जो जर्मन नागरिकों को ठगने में शामिल था. ये साइबर ठग फोन कॉल, ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए विदेशी नागरिकों से संपर्क करते थे. खुद को बैंक अधिकारी या टेक सपोर्ट एजेंट बताकर वे लोगों को डराते या झांसा देते थे और उनके बैंक अकाउंट या पर्सनल डिटेल्स हासिल करके लाखों रुपये की ठगी करते थे. कुछ मामलों में ये गिरोह रोमांस स्कैम और ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन जैसी हरकतों में भी शामिल था.

इंटरपोल ऑपरेशन को लेकर सीबीआई ने दी जानकारी

CBI ने कहा कि इंटरपोल के इस ऑपरेशन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधियों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है. एजेंसी ने बताया कि भारत और कई अन्य देशों के बीच समन्वय से बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई, जिससे इन गिरोहों की कई सप्लाई चेन टूट गई.

CBI के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे साइबर नेटवर्क आम लोगों की ऑनलाइन सुरक्षा और निजी जानकारी के लिए बड़ा खतरा है. इस ऑपरेशन से न सिर्फ कई फर्जी कॉल सेंटर बंद हुए, बल्कि साइबर ठगी के कई नए पैटर्न भी सामने आए है, जिन पर अब लगातार नजर रखी जाएगी.

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