CBI ने सोमवार (25 अगस्त, 2025) को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ट्रांसनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया. अर्जुन प्रकाश नाम का ये आरोपी कई महीनों से फरार था और ऑपरेशन चक्र के तहत उसकी तलाश जारी थी. CBI के मुताबिक, ये साइबर फ्रॉड नेटवर्क मई 2025 में पकड़ा गया था. उस वक्त CBI ने अमेरिका की FBI, ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) और Microsoft के साथ मिलकर कार्रवाई की थी. 

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तब नोएडा SEZ (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर 'FirstIdea' का भंडाफोड़ हुआ था. ये कॉल सेंटर तकनीकी सहायता के नाम पर ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कई देशों के लोगों से ठगी कर रहा था. छापे के दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत मिले थे और एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया था.

FIR दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार

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CBI की जांच में सामने आया कि इस कॉल सेंटर का असली किंगपिन अर्जुन प्रकाश है. वो 'FirstIdea' का मालिक और इस पूरे फ्रॉड का मुख्य लाभार्थी है. FIR दर्ज होने के बाद से ही वो फरार था और लगातार जांच से बच रहा था. CBI अधिकारियों ने बताया कि 25 अगस्त को आरोपी को दिल्ली एयरपोर्ट पर उस समय पकड़ा गया, जब वो नेपाल के काठमांडू जाने वाली फ्लाइट में सवार होने की कोशिश कर रहा था. 

अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड से भारत की छवि को नुकसान

इमीग्रेशन टीम की मदद से उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. CBI ने कहा है कि वो साइबर क्राइम के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. एजेंसी ने साफ किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले ऐसे फ्रॉड भारत की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए FBI, NCA और Microsoft जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर इस तरह के संगठित अपराधों को खत्म करने की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.

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