वायुसेना से पूरी तरह रिटायर होने से ठीक पहले मिग-21 में आखिरी बार वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने उड़ान भरी है. सोमवार (25 अगस्त, 2025) को वायुसेना प्रमुख ने बीकानेर के करीब नाल एयरबेस पर मिग-21 पर साथी फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर प्रिया के साथ उड़ान भरी.  

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अगले महीने यानी 26 सितंबर को मिग-21 वायुसेना से रिटायर हो रहा है. नाल एयरबेस पर मिग-21 की आखिरी स्क्वाड्रन (23 स्क्वाड्रन) तैनात है. एयर चीफ मार्शल की फ्लाइंग पर एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए वायुसेना ने कहा कि मिग-21 की चिरस्थायी विरासत का सम्मान करते हुए, वायुसेना प्रमुख ने 23 स्क्वाड्रन पैंथर्स का दौरा किया, जो इस महान लड़ाकू विमान का संचालन करने वाली अंतिम स्क्वाड्रन है.

इस दिन सेवानिवृत्त होगा 'मिग-21' फाइटर जेट

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वायुसेना के मुताबिक, 'एयर चीफ मार्शल ने एक कॉम्बैट उड़ान भरी और वह भी स्क्वाड्रन लीडर प्रिया के नेतृत्व में, जो परंपरा और परिवर्तन दोनों का प्रतीक है. 26 सितंबर 2025 को भारतीय वायुसेना में छह दशकों की शानदार सेवा के बाद मिग-21 सेवानिवृत्त हो जाएगा.'

पिछले 62 सालों से सबसे ज्यादा उड़ाए जाने के बावजूद विवादों में रहने वाला भारतीय वायुसेना का मिग-21 फाइटर जेट आखिरकार पूरी तरह रिटायर होने जा रहा है. लगातार हो रहे क्रैश के चलते, पिछले कुछ सालों से मिग-21 को 'ग्राउंड' कर दिया गया था यानी फ्लाइंग लगभग बंद कर दी गई थी.

ऑपरेशन बालाकोट में दिलाई सफलता

साल 1963 में रूस में निर्मित मिग 21 को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. ये भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था. इसके बाद रूस से लाइसेंस पर मिग-21 का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से देश में ही किया जाने लगा. 

पिछले 62 सालों में वायुसेना ने करीब 850 मिग-21 फाइटर जेट को ऑपरेट किया है. 1965 के पाकिस्तान युद्ध से लेकर ऑपरेशन बालाकोट (2019) तक मिग-21 ने देश की एयर-स्पेस की सुरक्षा की थी, जब विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान में घुसकर अमेरिका में बने एफ-16 को मार गिराया था.

मिग-21 क्रैश में गई 170 पायलट की जान

पिछले 60 सालों में वायुसेना के करीब 400 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिसके बाद लगातार इन विमानों को वायुसेना से हटाए जाने की मांग की जा रही थी. मिग-21 के क्रैश की घटनाओं को देखते हुए उन्हें फ्लाइंग-कॉफिन का नाम दिया जाने लगा था. इन दुर्घटनाओं में भारत के 170 पायलट की जान गई है.

मिग 21 फाइटर जेट्स की जगह वायुसेना को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के मार्क-1ए वर्जन की दरकार है, जो एलसीए-तेजस का अपग्रेड वर्जन है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि एचएएल ही इन हल्के फाइटर जेट का निर्माण कर रही है, लेकिन अमेरिका से एविएशन इंजन (एफ-404) की डिलीवरी में हुई देरी के चलते मार्क-1ए के निर्माण में रूकावट आ गई है.

एलसीए मार्क-1ए फाइटर जेट खरीदने की हरी झंडी

इसी साल मार्च के महीने में अमेरिकी की जीई कंपनी ने पहला इंजन जरूर सप्लाई किया था, लेकिन पिछले आठ महीने में महज दो एविएशन इंजन ही अमेरिका से मिल पाए हैं. पिछले हफ्ते ही सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने 97 अतिरिक्त एलसीए मार्क-1ए फाइटर जेट खरीदने की हरी झंडी दी है. इससे पहले साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. इस सौदे की कुल कीमत 48 हजार करोड़ थी.

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