Budget 2024 Reactions LIVE: 'दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ हो रहा अन्याय, करनी पड़ेगी अलग देश की मांग', बजट पर भड़के कांग्रेस सांसद डीके सुरेश
Interim Budget 2024 Reactions LIVE: यह मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट था. अंतरिम बजट ऐसे वक्त पर आया जब कुछ ही समय बाद देश में आम चुनाव होने हैं.
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Budget 2024 Reactions LIVE: देश का अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल ने दावा किया कि इस बजट में कुछ...More
अंतरिम बजट 2024 पर बेंगलुरु से कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने कहा, ''यह चुनावी बजट है. अंतरिम बजट में सिर्फ नाम बदले गए हैं. उन्होंने योजनाओं के कुछ संस्कृत नाम और हिंदी नाम पेश किए हैं. केंद्र दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का हिस्सा सही तरीके से नहीं दे रहा है. दक्षिण भारतीय राज्यों को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है. दक्षिणी राज्यों से एकत्र धन उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम एक अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर होंगे. केंद्र को हमसे 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मिल रहे हैं और बदले में हमें जो मिल रहा है वह नगण्य है. हमें इस पर सवाल उठाना होगा. अगर इसे ठीक नहीं किया गया तो सभी दक्षिणी राज्यों को एक अलग राष्ट्र की मांग के लिए अपनी आवाज उठानी होगी."
अंतरिम बजट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में जो बजट आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया वो नए भारत की तस्वीर है. 2047 तक विकसित भारत का जो संकल्प रखा गया है, उस संकल्प की सिद्धि के लिए इस बजट में साफ दिख रहा है. अनेकों ऐसे काम जो सीधे-सीधे समाज के अंतिम छोर में खड़े हुए लोगों को आगे लाने का काम किया गया है. इस बजट से अनेक योजनाओं से सभी लोग प्रभावित होने वाले हैं."
बजट पर बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "आज के बजट में विकास और विरासत दोनों का उल्लेख है और नए संकल्प भी है. इस बजट में किसान, युवक, गरीब और महिलाओं को क्या-क्या प्राथमिकता दी गई है, ये बताया गया. ये बजट महत्वपूर्ण है. ये प्रगति सरकार का प्रगति दिशा निर्देशन बजट है कि 2025 में कैसे देश विकसित होगा इसका ये रोडमैप है."
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अंतरिम बजट 2024 को लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा चुनाव से पूर्व, संसद में आज पेश बजट जमीनी वास्तविकता से दूर चुनावी लुभावने वाला ज़्यादा. इस प्रकार, देश की जनता की अपार गरीबी, बेरोजगारी व बढ़ती हुई मंहगाई आदि से त्रस्त जीवन को नकारना अति-दुःखद व चिंतनीय. उन्होंने लिखा कि इसके साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था व विकास संबंधी सरकारी दावों व वादों में जमीनी सच्चाई होती तो फिर यहां के 80 करोड़ से अधिक लोगों को फ़्री में राशन का मोहताज जीवन जीने को मजबूर नहीं होना पड़ता.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अंतरिम बजट पर कहा, 'इस बजट में गरीबों के लिए और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए कुछ भी नहीं था. सिर्फ काम चलाने के लिए यह बजट है. बीते दस साल से सरकार ने कितने कार्य किए हैं, उसका कोई जिक्र नहीं था. बीजेपी कहती है कि हमने देश में बहुत कार्य किये हैं. लेकिन उसका कोई जिक्र नहीं तथा. बीजेपी ने अपने वादे पूरे नहीं किए है. इस बजट में कुछ भी नहीं है. रक्षा क्षेत्र के लिए भी कुछ नहीं है.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर अंतरिम बजट 2024 को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2024 एक दस्तावेज है जो एक उत्कृष्ट राजनेता के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका को सामने लाता है, जो सहकारी संघवाद के मूल्यों को बढ़ावा देते हुए देश को महानता के पथ पर ले जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अगले पांच दशकों के लिए राज्यों को कुल ₹75,000 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान करने का निर्णय केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करने में गेम चेंजर साबित होगा. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि पीएम मोदी ने जिस महान भारत की कल्पना की है, उसमें कोई भी क्षेत्र पीछे न रह जाये.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जहां बजट में एक तरफ 11.1 फीसदी बढ़ोतरी कर इसे रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपए किया है. वहीं लॉजिस्टिक कार्यकुशलता व लागत को कम करने के लिए पीएम गति शक्ति के अंतर्गत तीन बड़े रेलवे कॉरिडोर की घोषणा ने भविष्य के भारत की नई रूपरेखा भी देशवासियों के सामने रखी है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आज देश में हाईवे निर्माण की गति तीन गुनी बढ़ चुकी है और एयरपोर्ट की संख्या भी दोगुनी से अधिक हुई है. आज आधुनिक वंदेभारत और नमो भारत ट्रेन भी नए भारत की शान बनी हैं.
DMK सांसद तिरुचि शिवा ने अंतरिम बजट पर कहा, "अंतरिम बजट में कुछ खास नहीं है. इसमें बेहतर भविष्य के वादों की झलक नहीं दिखती. वे अगले पूर्ण बजट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन वह हम पेश करेंगे. I.N.D.I.A. गठबंधन लोकसभा चुनाव जीतेगा और हम सबसे अच्छा बजट पेश करेंगे."
अंतरिम बजट 2024-25 पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ''सरकार अभी भी समस्याओं को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. इस बजट में आम लोगों, रोजगार, कृषि, महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है. निर्मला सीतारमण कहा कि आय 50 फीसदी बढ़ गई है, लेकिन सरकारी डेटा कहता है कि वास्तविक आय 25 फीसदी कम हो गई है."
अंतरिम बजट पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, ''यह अंतरिम बजट है. पिछले 10 साल से हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं, चाहे युवा हों, महिलाएं हों, किसान हों. सबके लिए काम किया गया. सबसे बड़ी बात ये है कि एक करोड़ लखपति दीदी आ चुकी हैं. अब दो करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य रखा गया है."
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अंतरिम बजट पर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है. उन्होंने कहा, "महिलाओं के लिए लखपति दीदी योजना लाई गई है, इसके तहत 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. वित्त मंत्री ने आत्मविश्वास से कहा है कि पूर्ण बजट में विकसित भारत का रोडमैप पेश किया जाएगा."
डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने अंतरिम बजट पर कहा, "बजट में कुछ खास नहीं है. इसमें बेहतर भविष्य के वादों की झलक नहीं दिखती. वे अगले पूर्ण बजट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन वह हम पेश करेंगे. इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव जीतेगा और हम सबसे अच्छा बजट पेश करेंगे."
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अंतरिम बजट पर कहा, "बजट में सोलर पैनल लगाने की बात कही गई. 3 करोड़ बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य दिया गया है. भारत श्रेष्ठ होगा, समृद्ध होगा."
लोकसभा में कांग्रेस सचेतक मणिकम टैगोर ने दावा किया, ‘‘यह बजट निराशाजनक है. यह कारपोरेट का हितैषी बजट है जिसमें गरीबों और आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है.’’ वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले, ‘‘चालू वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपए का बजट घाटा है. आने वाले साल में यह और बढ़ेगा. यानी सरकार कर्ज लेकर खर्च चला रही है.’’ वह आगे बोले, ‘‘वित्त मंत्री ने वाहवाही की है और 10 साल पहले की सरकार को कमतर दिखाने की कोशिश की है. सदन में चर्चा के दौरान इसका विस्तृत जवाब दिया जाएगा.’’
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा है कि अंतरिम बजट के बहाने मोदी सरकार ने जनता को ‘‘चुनावी लॉलीपॉप’ थमाया है. यह बजट केवल सरकार के चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है जिसमें महंगाई और बेरोजगारी की ज्वलंत समस्याओं से निपटने का कोई खाका पेश नहीं किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि इस बजट में निरतंरता का विश्वास है. यह बजट विकसित भारत के चार स्तंभों (युवा, गरीब, महिला और किसान) को ताकत देगा. यह देश के भविष्य के निर्माण का बजट है. यह 2047 के विकतिस भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को इसके लिए बधाई. यह बजट युवा भारत की युवा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. हमने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. रिसर्च और इनोवेशन पर एक लाख करोड़ रुपए का फंड रखा गया है. बजट में स्टार्ट-अप्स को मिलने वाली टैक्स छूट का विस्तार किया गया है. कैपिटल एक्सपेंडिचर को ऐतिहासिक ऊंचाई दी गई है.
पीएम मोदी के मुताबिक, हम बड़ा लक्ष्य तय करते हैं और उसे प्राप्त करते हैं और फिर उससे भी बड़ा लक्ष्य तय करते हैं. गरीबों के लिए हमारी सरकार ने चार करोड़ घर बनाए. दो करोड़ और घर बनाने का लक्ष्य है. दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का टारगेट था अब इस लक्ष्य को तीन करोड़ कर दिया गया है. आयुष्मान भारत योजना ने गरीबों की बड़ी मदद की है. आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स को इन योजनाओं का लाभ मिलेगा. गरीब और मध्यम वर्ग को सशक्त करने और उनके लिए आय के नए अवसर बनाने पर जोर दिया गया है. बजट में किसानों के लिए बड़े निर्णय लिए गए हैं और किसानों की आय बढ़ाने और खर्च कम करने के उपाय किए गए हैं.
अधिकतर विपक्षी दलों ने इस बजट को निराशाजनक करार दिया. जहां कांग्रेस की पूर्व अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इससे जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि असली वाला बजट तो जुलाई में आएगा. वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से इस बजट को लेकर दावा किया गया कि इस बजट में मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए कुछ नहीं था. सिर्फ अच्छे शब्द और जुमले थे. जो भी कुछ मिला वह सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को मिला. ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इस बजट को शून्य अंक देंगे, जबकि पीएम मोदी के करीबी उद्योगपति इसे 10 में 10 नंबर देंगे.
अंतरिम बजट को नीरस करार देते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा- यह बजट है कहां...कोई घोषणा है क्या? किसानों के लिए क्या स्वामीनाथन वाली रिपोर्ट लागू की गई? क्या महंगाई रोकने का कोई जतन है? विदेशी कर्ज को कम करने के लिए कुछ उपाय है क्या? महंगाई और बेरोजगारी के लिए कुछ कहा गया क्या? हां, हमारा वादा है कि जैसे ही नई सरकार बनेगी तब इंडिया का बजट आएगा जिसमें किसानों, मजदूरों, नौजवानों और महिलाओं की बात की जाएगी.
कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अंतरिम बजट को लेकर कहा कि यह चुनावी साल है इसलिए फुल बजट नहीं लाया जाता है. आम लोगों को लुभाने के लिए सरकार तरीके निकाल रही है. हमें देखना है कि यह कैसा बजट है. यह सिर्फ आम चुनाव में आम लोगों को लुभाने का बजट है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिम बजट 2024 को लेकर कहा- यह बढ़ावा देने वाला बजट है. हमें पूरा यकीन है कि हम 2047 तक पीएम मोदी के दिए टारगेट (विकसित राष्ट्र बनने) को हम लोग हासिल कर लेंगे.
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस ठंडे मौसम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों की उम्मीदों (बजट को लेकर) पर ठंडा पानी फेरा है. वह ज्ञान, गरीब, युवा और नारी की बात करती हैं लेकिन उन्होंने इन सबके लिए कुछ नहीं किया. यही इस सरकार की बदकिस्मती है कि पिछले 10 साल में जो वादे उनकी ओर से किए गए, वे पूरे न किए जा सके.
अंतरिम बजट पेश होने के बाद स्थानीय शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को दोपहर के कारोबार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स दोपहर के कारोबार में 139.37 अंक गिरकर 71,612.74 अंक पर आ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 33.15 अंक फिसलकर 21,692.55 अंक पर रहा. बेहद उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में दोनों सूचकांकों ने थोड़ी देर में वापसी की सेंसेक्स 91.52 अंक बढ़कर 71,843.63 अंक पर और निफ्टी 17.95 अंक चढ़कर 21,743.65 अंक पर कारोबार करने लगा. सेंसेक्स की कंपनियों में अल्ट्राटेक सीमेंट, लार्सन एंड टुब्रो, विप्रो और बजाज फाइनेंस के शेयर सबसे अधिक नुकसान में थे. मारुति, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर लाभ में कारोबार कर रहे थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले 10 साल में बड़ा सकारात्मक बदलाव देखा गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने बजट को लेकर कहा- असल बजट तो जुलाई में आएगा. इसमें तो ऐसी कोई बात नहीं थी. यह तो पुराना ही बजट चल रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि लोगों को फायदा हो. हमारी तो यही चाहत है कि वतन आगे बढ़े और तरक्की करे. जम्मू और कश्मीर में टूरिज्म भी बढ़े और बाहर से और लोग आएंगे.
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने इससे पहले कहा था कि उन्हें इस बजट से कोई बड़े ढांचागत बदलाव की उम्मीद नहीं है. समाचार एजेंसी पीटीआई से वह बोले, "यह एक किस्म की रूटीन प्रशासनिक प्रक्रिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब तक नई सरकार नहीं बन जाती है तब तक भारत सरकार के पास रूटीन मामले चलाने के लिए पर्याप्त रकम है. ऐसे में इस बजट से कोई बड़े सुधार या बदलाव की उम्मीद नहीं करता हूं. मुझे कोई आस नहीं है." इस बीच, बीजेपी सांसद पीपी चौधरी ने बताया कि यह अंतरिम बजट है इसलिए इसमें सारी चीजें नहीं ली जा सकती हैं.
कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे के सांसद बेटे प्रियांक खरगे ने पत्रकारों को बताया था, "मुझे इस बजट से कोई उम्मीद नहीं थी. पार्टी के नाते भी हमें इससे कोई आस नहीं थी. पिछले 10 साल में सिर्फ जुमलेबाजी हुई. बढ़िया नारे आए, अच्छी कैच करने वाली पंचलाइन्स लाई गईं, बड़े विज्ञापन भी दिए गए मगर असल में कुछ नहीं हुआ. बीते साल में किसानों, श्रमिकों, युवा और महिलाओं के लिए लाए गए एक प्रोग्राम के बारे में मुझे बता दीजिए? क्या सरकार ने एफडीआई में सुधार, निवेश लाने और रोजगार को बढ़ाने लाने के लिए कुछ किया?"
सपा चीफ और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है. भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है. यह भाजपा का ‘विदाई बजट’ है.
कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने मोदी सरकार 2.0 के आखिरी अंतरिम बजट को लेकर कहा है कि सरकार खर्च चलाने के लिए कर्ज ले रही है. अगले साल यह चीज और बढ़ने वाली है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट यानी लेखानुदान को मंजूरी दी थी. समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लेखानुदान मंजूर किया गया. मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह चुनाव के पहले पेश होने वाला अंतिम बजट है.
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, ''हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह चुनाव केंद्रित बजट होगा. बीजेपी फिर से जीतकर सत्ता में आना चाहती है. इसलिए बजट में कुछ नौटंकी होगी. आम लोगों के लिए आंखों में धूल झोंकने वाली योजनाएं होंगी. एक तरफ वे आम लोगों की बात करते हैं और दूसरी तरफ, वे कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ा रहे हैं और जनविरोधी नीतियों को लागू कर रहे हैं.''
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और महंगाई है.
अंतरिम बजट 2024 पर सीपीआई सांसद पी संतोष कुमार ने कहा, "हमें यह देखना होगा कि क्या सरकार कोई जन-समर्थक नीति लाएगी. यह सरकार आम जनता के लिए कुछ नहीं कर रही है. मुझे सरकार से कुछ भी सकारात्मक उम्मीद नहीं है. चूंकि यह चुनावी वर्ष है, सरकार कुछ धारावाहिकों की घोषणा कर सकती है."
अंतरिम बजट के पेश होने से पहले कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, "उम्मीद है कि निर्मला सीतारमण उन वादों को पूरा करेंगी, जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया था. वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के बजाय, उन्हें बेरोजगारी, किसानों के दर्द को संबोधित करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि अंतरिम बजट एमएसएमई क्षेत्र की समस्याएं और मूल्य वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करेगा, न कि केवल दोस्तों और अन्य व्यापारिक घरानों की मदद करेगा जिनके स्तंभों पर मोदी सरकार चल रही है.''
एमडीएमके सांसद वाइको ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर कहा, "वे भारत के लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करेंगे."
अंतरिम बजट 2024 पर ओडिशा के मंत्री प्रताप देब ने कहा, "ओडिशा से उम्मीदें बहुत अधिक हैं, लेकिन यह अंतरिम बजट है, इसलिए वे राज्य की मांगों को कितना पूरा करेंगे यह देखना होगा. पिछले कुछ वर्षों में, हम देश में उद्योग के मामले में शीर्ष निवेश गंतव्य रहे हैं. हमें बंदरगाह क्षेत्र, औद्योगिक गलियारा क्षेत्र और बिजली क्षेत्र में बहुत अधिक फंडिंग की उम्मीद है. हमेशा एक बड़ी मांग रही है रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए. हमारे पास अभी भी छह जिले रेलवे से असंबद्ध हैं. ओडिशा एक संसाधन संपन्न राज्य है और कनेक्टिविटी में बुनियादी ढांचे का विकास एक आवश्यकता है. हमने कृषि क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा लगभग हासिल कर ली है. केंद्रीय सहायता फसलों के विविधीकरण के लिए इसकी आवश्यकता होगी. ये हमारे राज्य के प्रमुख क्षेत्र हैं जिन्हें केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है."
केंद्र सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट से पहले आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक और भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा, "सबसे पहले, हमें यह ध्यान रखना होगा कि यह लेखानुदान है. पूर्ण बजट चुनाव के बाद जून या जुलाई में पेश किया जाएगा, इसलिए इस बजट में ज्यादा उपाय नहीं किए गए हैं. चूंकि अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी स्थिति में है और 7.3 फीसदी की विकास दर की संभावना है, मुझे लगता है कि सरकार ने पिछले वर्षों में जो किया है उसे आगे बढ़ाएगी. शायद कुछ उपाय किए जाएंगे. शायद महिलाओं के लिए कुछ होगा. कुल मिलाकर, मैं देख रहा हूं कि पिछले वर्षों में उठाए गए अच्छे कदमों को दोहराया जाएगा."
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