नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2020-21 को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की 2 करोड़ आबादी के साथ सौतेला व्यवहार करार दिया है. दिल्ली के उपमुख्यंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली को फिर निराश किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स केंद्र सरकार को देते हैं.


मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि इस बार दिल्ली के विकास और यहां रह रहे करीब दो करोड़ लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपने केंद्रीय बजट में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बदले दिल्ली को मिलने वाले अनुदान में वृद्धि करेगी, लेकिन केंद्रीय बजट से दिल्ली को मायूसी मिली है. दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बदले मिलने वाला अनुदान पिछले दो दशकों से बिना बढ़ोतरी के केवल 325 करोड़ रुपए ही रखा गया है. ये हिस्सेदारी 2001-02 से नहीं बढ़ाई गई है, जबकि अलग-अलग विकासात्मक परियोजनाओं को फंड देने के लिए दिल्ली भी केंद्रीय करों में अपनी हिस्सेदारी की बराबर हकदार है.


दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को मिलने वाले कुल अनुदान, ऋण और हस्तांतरण के बजट को कम कर दिया है. इससे पहले दिल्ली सरकार को केंद्रीय बजट से कुल अनुदान, ऋण या हस्तांतरण के रूप 1117 करोड़ रुपये मिला था, जिसे घटा कर 957 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने दिल्ली का डिजास्टर रिस्पान्स का अनुदान भी कम कर दिया है. पिछली बार दिल्ली को इस मद में 161 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इस बार इसे घटा कर मात्र 5 करोड़ रुपये कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिए मिलने वाली अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को शून्य कर दिया है, जबकि इससे पहले दिल्ली को इन परियोजनाओं के लिए 150 करोड़ रुपये अतिरिक्त केंद्रीय सहायता दी गई थी.


नगर निगम के फंड के मुद्दे पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि वित्त मंत्री ने कहा कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने बीजेपी द्वारा शासित दिल्ली नगर निगमों को भी बीच मझधार में छोड़ दिया है. आर्थिक संकट से जूझ रहे नगर निगमों को केंद्रीय बजट से मदद मिलने की उम्मीद की जा रही थी. दिल्ली सरकार ने भी केंद्र सरकार से दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 12,000 करोड़ रुपये की मांग की थी, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगमों के लिए एक रुपए का आवंटन नहीं किया है. जबकि देश भर के नगर निगमों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये रुपए दिए गए हैं.


दिल्ली जैसी व्यवस्था वाले अन्य केंद्र शासित प्रदेशों से तुलना करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि संवैधानिक रूप से दिल्ली के समान, केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को दिल्ली को मिले 957 करोड़ रुपये के मुकाबले 30,757 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.