Karnataka BJP President BY Vijayendra: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उन्होंने बीजेपी नेता नलिन कुमार कटील की जगह ली है. 2020 में विजयेंद्र को बीजेपी की कर्नाटक इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.


बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से शुक्रवार (10 नवंबर) को जारी एक बयान के मुताबिक, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधायक विजयेंद्र येदियुरप्पा को कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है. बयान में कहा गया है कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी. 



तेजस्वी सूर्या ने दी बधाई


बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बीवाई विजयेंद्र को कर्नाटक का अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी है. सूर्या ने अपने X हैंडल से लिखा, ''बीवाई विजयेंद्र अन्ना को बीजेपी की कर्नाटक इकाई का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई. यह निश्चित है कि उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व में, बीजेपी मजबूत होगी और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को आवाज देगी.''



कर्नाटक बीजेपी ने क्या कहा?


कर्नाटक बीजेपी ने X पर पोस्ट किया, ''शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बीवाई विजयेंद्र को कर्नाटक बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उन्हें बधाई. उनके नेतृत्व में पार्टी प्रदेश में और संगठित और मजबूत होगी.''


येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाते हैं विजयेंद्र


47 वर्षीय बीवाई विजयेंद्र अपने पिता बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाते हैं. बीजेपी में विजयेंद्र को एक कुशल संगठनात्मक नेता के रूप में भी देखा जाता है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति से कई महीनों की अटकलें समाप्त हो गईं क्योंकि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस से मिली हार के बाद से बीजेपी इस पद के लिए नए अध्यक्ष की तलाश कर रही थी.


वंशवाद के मुद्दे को नजरअंदाज कर बीजेपी ने विजयेंद्र को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी


हालांकि, इस बात की प्रबल संभावना थी कि बीजेपी अपनी राज्य इकाई का नेतृत्व करने के लिए किसी लिंगायत नेता को चुनेगी लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी ने वंशवाद के मुद्दे को नजरअंदाज करते हुए पहली बार विधायक बने बीवाई विजयेंद्र को इस पद पर नियुक्त कर अनुभवी लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के स्थायी प्रभाव और राजनीतिक महत्व को स्वीकार किया है. हालांकि, येदियुरप्पा चुनावी राजनीति से बाहर हो चुके हैं. येदियुरप्पा के बड़े बेटे राघवेंद्र लोकसभा सांसद हैं.


लिंगायत पर क्यों है फोकस?


बता दें कि कर्नाटक में दो समुदायों लिंगायत और वोक्कालिगा का खासा दबदबा माना जाता है. राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 फीसदी और वोक्कालिगा की 12 फीसदी है. इन समुदायों का झुकाव चुनाव में पार्टियों की किस्मत तय करता है.


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