Retired Brigadier AJS Bahl Demise: वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में बहादुरी से लड़ने वाले ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एजेएस बहल का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. यह जानकारी सूत्रों ने मंगलवार (9 जनवरी) को दी. सूत्रों ने बताया कि अप्रैल 1941 में जन्मे ब्रिगेडियर बहल का सोमवार (8 जनवरी) को हरियाणा में कमांड अस्पताल, चंडीमंदिर में निधन हो गया.


उन्होंने बताया कि वह उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे. सूत्रों ने बताया कि ब्रिगेडियर बहल का अंतिम संस्कार बुधवार (10 जनवरी) को चंडीगढ़ में किया जाएगा.


ब्रिगेडियर बहल ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में लिया था हिस्सा


बहल 1961 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. एक सूत्र ने कहा, ‘‘ब्रिगेडियर बहल 17 पैरा फील्ड रेजिमेंट में तोपखाना अधिकारी थे और उन्होंने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया था. अक्टूबर 1962 में एक युवा अधिकारी के रूप में वह 7 इन्फैंट्री ब्रिगेड का हिस्सा थे और नामका चू में चीनी सेना के खिलाफ बहादुरी से लड़े थे.’’


भारत-चीन युद्ध के दौरान बना लिए गए थे बंधक


सूत्रों के अनुसार वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान बहल को उनके साथियों के साथ बंदी बना लिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, अगले साल उन्हें भारत वापस लाया गया और वह फिर से यूनिट में सेवा देने लगे. युद्ध में उनकी भूमिका का विवरण '1962: द वॉर दैट वाज नाट' पुस्तक में दिया गया है.


1995 में जम्मू-कश्मीर के NCC के उप महानिदेशक पद से हुए थे सेवानिवृत्त


ब्रिगेडियर बहल ने अपनी सेवा के दौरान, 1965 के कच्छ ऑपरेशन और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी भाग लिया. सूत्रों ने बताया कि बहल अप्रैल 1995 में जम्मू कश्मीर के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के उप महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए. रिटायर्ड ब्रिगेडियर के निधन से परिवारवाले और उनके चाहने वाले दुखी हैं. लोग भारतीय सेना के नायक रहे बहल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.


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