Anil Deshmukh Got Bail: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार के मामले (Corruption Case) में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से जमानत मिलते-मिलते रह गई. दरअसल, सोमवार को मामले की सुनवाई हुई और अदालत ने उनको जमानत दे दी, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद कोर्ट ने बेल पर रोक भी लगा दी. कोर्ट ने जमानत को अब 10 दिनों के लिए रोक दिया है.


बता दें कि अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की कथित वसूली का आरोप है. इसी मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई (CBI) इस मामले की जांच रही है. इसस पहले, सीबीआई की विशेष अदालत ने पिछले महीने देशमुख (74) की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था. 


अनिल देशमुख ने चिकित्सकीय और याचिका के गुण-दोष के आधार पर जमानत का अनुरोध किया था. जस्टिस एम. एस. कार्णिक की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित रखा था.


उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इस साल अप्रैल में उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था. वे मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में बंद हैं. बंबई हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा था कि देशमुख की सेहत को देखते हुए प्रथम दृष्टया उसकी राय है कि भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग मामले में दाखिल उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.


क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि मार्च 2021 में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य दिया था. ईडी, जो मामले के वित्तीय पहलू की जांच कर रही है, ने आरोप लगाया था कि राज्य के गृह मंत्री के रूप में कार्य करते हुए देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े के माध्यम से मुंबई में विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये इकट्ठे किए.


HC ने CBI को दिए थे जांच के आदेश


शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत, जिन्हें पिछले महीने जमानत दी गई थी, ने दावा किया था कि उन्होंने अनिल देशमुख को जेल में देखा था, जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. हाई कोर्ट ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था. 


पिछले साल दिया था गृह मंत्री के पद से इस्तीफा


सीबीआई ने इस जांच के आधार पर देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए एफआईआर दर्ज की थी. भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख ने अप्रैल 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.


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