नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले जहां एक ओर आम आदमी पार्टी ने अपने 5 साल की सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, तो वहीं आज बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की 5 साल की सरकार के खिलाफ जनता का आरोपपत्र जारी किया. बीजेपी की दिल्ली इकाई ने आज कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में आरोपपत्र जारी किया. केंद्रीय मंत्री और दिल्ली से सांसद डॉ हर्षवर्धन की अगुआई में इस आरोपपत्र को तैयार किया गया है. दिल्ली बीजेपी के नेता विजेंद्र गुप्ता, आरती मेहरा, शाज़िया इल्मी और कपिल मिश्रा ने इसकी रूपरेखा तैयार की. इस आरोपपत्र के ज़रिए दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रदूषण, बिजली, पानी से लेकर सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा गया है.


दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जनता की आवाज़ को लेकर हज़ार से ज़्यादा RTI के आधार पर हमने ये आरोपपत्र बनाया है. 5 साल की आम आदमी पार्टी की सरकार झूठ और विश्वासघात की सरकार बन गई है. जिन 70 वादों की बात की गई थी आज लोग उन्हें पढ़ेंगे तो हैरान रह जाएंगे कि ऐसा भी कोई वादा था. मनोज तिवारी ने कहा कि इन लोगों ने वादा किया था कि हर घर में दिया जलाएंगे लेकिन ये लोग दिल्ली के हर घर में आग लगाएंगे. सीएए पर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान सबने देखा है.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा था. पिछले 5 साल में केजरीवाल ने दिल्ली वालों को जितना निराश किया है उतना किसी ने नहीं किया. केजरीवाल की फोटो से सजी दिल्ली के करोड़ों लोग सोच रहे हैं कि दिल्ली की शक्ल बदलने के लिए केजरीवाल ने किया क्या है? डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल सरकार के पिछले 5 सालों और पिछले 5 महीने के हाव भाव से हर कोई सोचेगा की दिल्ली के लोगों को 5 साल का मुख्यमंत्री चाहिए या 5 महीने का.


बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को अच्छा एक्टर बताते हुए एक्टिंग का राष्ट्रीय पुरस्कार देने की मांग कर डाली. प्रवेश वर्मा ने कहा, "दिल्ली का नटवरलाल, माननीय केजरीवाल. उनके पास एक बहुत अच्छा डायलॉग राइटर है और केजरीवाल खुद बहुत अच्छे एक्टर हैं, लेकिन उनकी फिल्म बहुत खराब है." नई बसों की खरीद को लेकर केंद्र सरकार से मिले फंड का ज़िक्र करते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा, "चुनाव से 5 महीने पहले 15 अक्टूबर 2019 को सरकार ने पहला इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर जारी किया. जबकि 2014 में केंद्र ने 1300 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार को बसें खरीदने के लिए दिये थे. 5 साल तक सरकार ने कुछ खर्च नहीं किया और ब्याज़ खाती रही."


इसके अलावा बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, विजय गोयल और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी दिल्ली सरकार के 5 साल के काम पर सवाल खड़े किए. दिल्ली बीजेपी की ओर से सातों सांसद इस आरोपपत्र को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों के बीच लेकर जाएंगे. साथ ही सभी 70 विधानसभाओं में भी घर-घर इस आरोपपत्र को पहुचाने की तैयारी भी है.


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