BJP on Congress Manifesto: भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फ‍िर कांग्रेस के घोषणापत्र पर हमला बोला है. बीजेपी के वर‍िष्‍ठ नेता सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी का ब‍िना नाम ल‍िये उन पर न‍िशाना साधते हुए केरल के वायनाड में मुस्लिम लीग उनकी सबसे बड़ी समर्थक है. आजादी से पहले इस मुस्‍ल‍ि‍म लीग के फाउंडर मोहम्मद अली जिन्ना थे. घोषणापत्र में कांग्रेस के पर्सनल लॉ को बरकरार रखने की प्रयास उसके असली चेहरे को दर्शाते हैं. 


एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबि‍क, बीजेपी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता सुधांशु त्र‍िवेदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र ज‍िसको 'न्‍याय-पत्र 2024' नाम द‍िया गया है, पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि छद्म रूप से मुस्लिम लीग का एजेंडा मात्र है. कांग्रेस की तरफ से मेन‍िफेस्‍टो में पर्सनल लॉ को बरकरार रखने के प्रयास करने का वादा करने का मतलब वो सभी को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने की जरूरत महसूस नहीं करती है. उनका झुकाव केवल अलगाववादी पहचान रखने वालों की तरफ ज्‍यादा है. 


'कांग्रेस ने जैन धर्म, बौद्ध धर्म के लिए क्या स्टैंड लिया' 


राज्‍यसभा सांसद सुधांशु त्र‍िवेदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के खान पान की आदतों को बरकरार रखने की बात कह रही है, लेक‍िन यह नहीं बताया क‍ि उस अल्पसंख्‍यक समुदाय (जैन समुदाय) के ल‍िए अब तक क्‍या क‍िया जोक‍ि सबसे ज्‍यादा शाकाहारी है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि वे अल्पसंख्यकों के खान-पान और वेशभूषा को एक अलग स्थान देंगे तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जैन धर्म, बौद्ध धर्म के लिए क्या स्टैंड लिया?


जिन्ना की मुस्‍ल‍िम लीग के नेता थे मोहम्मद इस्माइल


कांग्रेस की यह मंशा साफ दर्शाता है क‍ि वो (कांग्रेस) वाकई अल्‍पसंख्‍यकों (जैन समुदाय) की बजाय माइनोर‍िटीज के भीतर मैजोर‍िट‍िज्‍म (बहुसंख्यकवाद) (मुस्‍ल‍िमों) में अधि‍क भरोसा रखती है. इसके पीछे की बड़ी वजह यह है क‍ि उसका (कांग्रेस) केरल में मुस्‍ल‍िम लीग के साथ गठबंधन में है. यह वही मुस्‍ल‍िम लीग है ज‍िसके फाउंडर आजादी से पहले मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी प्रमुख मोहम्मद इस्माइल थे.  






'मुसलमानों के ल‍िए की गई थी अलग चुनाव क्षेत्र की मांग'  


देश के आजाद होने के बाद वो (मोहम्मद इस्माइल) संविधान सभा का हिस्सा बन गए थे और उन्होंने मुसलमानों के लिए 'विशेष दर्जे' की ड‍िमांड की थी. इतना ही नहीं उनकी तरफ से मुसलमानों के लिए अलग चुनाव क्षेत्र की भी मांगी थी ज‍िसको सरदार पटेल ने पूरी तरह से खारिज कर द‍िया था. 


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