टूलकिट मामले पर कल दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद अब ट्विटर और उससे जुड़े विवाद और बढ़ता ही जा रहा है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर कोरोना के मामले में ट्विटर के जरिए भारत को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है.


इस मामले में निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को कल एक पत्र लिखा है. पत्र में संविधान की दसवीं अनुसूची का हवाला देते हुए थरूर की सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की गई है. निशिकांत दुबे का कहना है कि सांसद रहते हुए शशि थरूर ने कोरोना काल में भारत का अपमान करने करने का काम किया है.


दुबे ने इससे पहले स्पीकर को एक पत्र लिखकर शशि थरूर को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की भी मांग की थी. दुबे भी इस समिति के सदस्य हैं.


निशिकांत दुबे ने अपनी चिट्ठी में शशि थरूर के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं


थरूर ने ट्विटर पर कोरोना वेरियंट के लिए 'इंडियन वेरियंट' शब्द का इस्तेमाल किया जिसे WHO तक नकार चुका है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर और अन्य सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को 'इंडियन वेरियंट' शब्द का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी है.


राहुल गांधी का एजेंडा चलाने के लिए कर रहे हैं शशि थरूर 


ट्विटर पर शशि थरुर के व्यवहार के चलते संसद और भारत सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष होने का इस्तेमाल थरूर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का एजेंडा चलाने के लिए कर रहे हैं ना कि देशहित के लिए.


ट्विटर टूलकिट मामले में थरूर ने ट्विटर पर सवाल उठाने की बजाए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पर ही सवाल उठा दिया जिससे ट्विटर को सरकार के आदेश की अवहेलना करने का बल मिला.


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