Parliamentry Committies: संसद के लगभग हर सत्र में कमोबेश सभी दलों की ओर से यह मांग उठाई जाती है कि विधेयकों को पेश किए जाने से पहले उन पर गहन गंभीर विचार-विमर्श के लिए उन्हें संबंधित समिति को सौंपा जाए. लेकिन सितंबर में पुनर्गठन के बाद इन समितियों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति के आंकड़े उदासीन रवैये की गवाही देते हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि इन समितियों की बैठकों से सत्तारूढ़ दल भाजपा के ही सदस्य सबसे ज्यादा गैर हाजिर पाए गए हैं.


लोकसभा की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, निचले सदन की 13 स्थायी समितियों के पुनर्गठन के बाद वर्ष 2022-23 के दौरान विचार किए जाने वाले विषयों के चयन के लिए अक्टूबर से दस नवंबर 2022 तक 22 बैठकें हुईं, जिसमें औसतन 16.18 फीसदी सदस्य ही उपस्थित हुए. इन समितियों की बैठकों से अनुपस्थित रहने वाले चर्चित सदस्यों में जया बच्चन (सपा) , हेमा मालिनी, मेनका गांधी, प्रज्ञा सिंह ठाकुर, राजीव प्रताप रूडी, प्रवेश वर्मा, किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी (भाजपा), इलैया राजा (मनोनीत), हरभजन सिंह एवं संजय सिंह (आप), सिमरनजीत सिंह मान (अकाली दल, अमृतसर), डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी, दीपेन्द्र हुड्डा (कांग्रेस) आदि शामिल हैं.


40% से अधिक सदस्य रहते हैं अनुपस्थित


अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी एवं कल्याण बनर्जी, निर्दलीय कपिल सिब्बल एवं नवनीत राणा, राजद की मीसा भारती भी समिति की बैठकों से गैर हाजिर रहीं. लोकसभा से जुड़ी कृषि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों, विदेश, वाणिज्य, आवास एवं शहरी मामलों, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सहित एक दर्जन से अधिक स्थायी समितियों की बैठकों में औसतन 40 प्रतिशत से अधिक सदस्य अनुपस्थित रहे.


बीजेपी के सबसे अधिक सदस्य बैठक में गैर हाजिर


समिति की बैठकों में सर्वाधिक गैर हाजिर सदस्य सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हैं. भाजपा सांसदों का यह रवैया तब और भी चौंकाता है जब खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की बात उठाते रहे हैं. भाजपा हाल ही में संसदीय समितियों की बैठक में अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए इन दिनों औचक जांच कर यह जानने में लगी है कि उसके सदस्य बैठकों में मौजूद रहते हैं या नहीं.


बीजेपी के प्रमुख ये सदस्य होते हैं अनुपस्थित


ज्ञात हो कि संसद की स्थायी समिति में लोकसभा और राज्यसभा से कुल 31 सदस्य होते हैं जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होते हैं. आंकड़ों के अनुसार, कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से जुड़ी 31 सदस्यीय स्थायी समिति की वर्ष 2022-23 के दौरान विचार किए जाने वाले विषयों के चयन के लिए 10 अक्टूबर 2022 को हुई बैठक में केवल 12 सदस्य मौजूद रहे. बैठक में भाजपा के सात और कांग्रेस के तीन सदस्य अनुपस्थित रहे. इसमें अनुपस्थित रहने वाले प्रमख सदस्यों में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी और कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं.


डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय की बैठक में गैर हाजिर


वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 28 अक्टूबर को हुई बैठक में समिति के 31 सदस्यों में से केवल 17 सदस्य ही उपस्थित हुए. इस बैठक में अनुपस्थित रहने वालों में भाजपा के पांच, कांग्रेस के चार तथा बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, अकाली दल, शिवसेना के एक-एक सदस्य शामिल हैं. इसी समिति की 4 नवंबर को हुई बैठक में 21 सदस्य शामिल हुए. अनुपस्थित रहने वाले प्रमुख सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पी. चिदंबरम, गौरव गोगोई, मनीष तिवारी, भाजपा के प्रवेश वर्मा, किरीट प्रेमजीभाई  सोलंकी, बीजूद जनता दल के पिनाकी मिश्रा आदि शामिल हैं.


विदेश मंत्रालय की स्थायी समिति में केवल 15 उपस्थित


वर्ष 2022-23 के दौरान विचार किए जाने वाले विषयों पर चर्चा के लिए विदेश मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 19 अक्टूबर 2022 को हुई बैठक में 14 सदस्य ही उपस्थित हुए. अनुपस्थित रहने वालों में अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी एवं कल्याण बनर्जी, भाजपा के एस बापू राव, रेवती त्रिपुरा, बसपा के रितेश पांडे, निर्दलीय कपिल सिब्बल एवं नवनीत राणा, राजद की मीसा भारती, कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा, मनोनीत रंजन गोगोई, समाजवादी पार्टी की जया बच्चन, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन आदि शामिल हैं. इसी स्थायी समिति की 10 नवंबर को ‘वैश्विक आतंकवाद से मुकाबला’ विषय पर हुई बैठक में 15 सदस्य ही मौजूद रहे.


बीजेपी के 7 सदस्य अनुपस्थित


खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 18 अक्टूबर को बैठक हुई जिसमें 15 सदस्य ही उपस्थित हुए. गैर हाजिर रहने वाले सदस्यों में भाजपा के सात तथा कांग्रेस, जदयू, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, अन्नाद्रमुक, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, पीएमके के एक-एक सदस्य शामिल हैं .आंकड़ों के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 17 अक्टूबर को हई बैठक में 14 सदस्य ही उपस्थित हुए. अनुपस्थित रहने वालों में भाजपा के आठ, कांग्रेस के 3 सदस्य शामिल हैं. इस समिति की 28 अक्टूबर को हुई बैठक में भी केवल 15 सदस्य ही मौजूद रहे.


सामाजिक न्याय एवं अधिकारित मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 17 अक्टूबर को हुई बैठक में 11 सदस्य उपस्थित हुए. गैरहाजिर रहने वालों में भाजपा के नौ सदस्य, कांग्रेस के दो, द्रमुक के दो, बीजद के दो तथा अकाली दल, जदयू , अन्नाद्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक-एक सदस्य शामिल हैं.


रेलवे की स्थायी समिति में कितने अनुपस्थित


रेलवे से जुड़ी स्थायी समिति की 20 अक्टूबर को हुई बैठक में 24 सदस्य मौजूद रहे. भाजपा के चार, बीजद एवं आम आदमी पार्टी के एक-एक सदस्य गैर हाजिर रहे. ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 20 अक्टूबर को हुई बैठक में 20 सदस्य उपस्थित हुए. अनुपस्थित रहने वालों में भाजपा के पांच तथा कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, मनोनीत एक-एक सदस्य शामिल हैं.


रक्षा मंत्रालय स्थायी समिति में कितने अनुपस्थित


वहीं, रक्षा मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 18 अक्टूबर को हुई बैठक में 22 सदस्य मौजूद रहे. इसमें गैर हाजिर रहने वाले सदस्यों में राहुल गांधी सहित कांग्रेस के चार, भाजपा के दो तथा आम आदमी पार्टी, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस के एक-एक सदस्य शामिल हैं. लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार, समिति के सदस्यों को बैठक में शामिल होने के लिए प्रतिदिन दो हजार रुपये भत्ता प्रदान किया जाता है लेकिन यह भत्ता उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने पर ही देय होता है.


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