नई दिल्ली: उप-राष्ट्रपति पद से दस साल के कार्यकाल के बाद विदा हुए हामिद अंसारी जाते जाते अपने विदाई भाषण में कई बड़े सवाल खड़े कर गए. हामिद अंसारी राज्यसभा में अपने आखिरी भाषण में नसीहत भी दे गए कि जिम्मेदारी सरकार की है कि अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस करें.


हामिद अंसारी ने अपने भाषण में कहा, ''डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि लोकतंत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरूरी है. डेमोक्रेसी में उस वक्त अन्याय होता है जब अपोजिशन को मुक्त रूप से सरकार की नीतियों की आलोचना नहीं करने दी जाती. लेकिन ये भी सही है कि जिम्मेदारियों के बारे में पता होना चाहिए."


प्रधानमंत्री के सामने भी उठाया असहनशीलता का मुद्दा: अंसारी
विदाई भाषण में हामिद अंसारी ने जो नहीं कहा वो विदाई इंटरव्यू में भी कहीं. उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती असहनशीलता का मुद्दा वो पीएम मोदी के सामने उठा चुके हैं.


पीटीआई को इंटरव्यू में हामिद अंसारी ने कहा, ''ये आकलन सही है कि देश के मुस्लिम समुदाय में आज घबराहट और असुरक्षा का भाव है. देश के अलग-अलग हिस्सों में मुझे ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं. भारत का समाज सदियों से बहुलतावादी रहा है, लेकिन सबके लिए स्वीकार्यता का ये माहौल अब खतरे में है.''


उन्होंने कहा, ''लोगों की भारतीयता पर सवाल खड़े करने की प्रवृत्ति भी बेहद चिंताजनक है. लोगों पर भीड़ के बढ़ते हमले, अंधविश्वास का विरोध करने वालों की हत्याएं और कथित घर वापसी के मामले भारतीय मूल्यों में आ रहे विघटन के उदाहरण हैं. इससे ये भी पता चलता है कि कानून-व्यवस्था को लागू करने की सरकारी अधिकारियों की क्षमता भी अलग-अलग स्तरों पर खत्म हो रही है. ''


रिटायरमेंट के साथ ही हमलावर हुई बीजेपी
इधर हामिद अंसारी रिटायर हुए उधर बीजेपी हामिद अंसारी पर टूट पड़ी. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में हामिद अंसारी पर मुसलमानों की नेतागीरी का आरोप जड़ दिया.


मीनाक्षी लेखी ने कहा, ''वो मुसलमानों की नेतागीरी करना चाहते हैं. जब तक कुर्सी पर थे तब तक उनको मुसलमानों में असुरक्षा की भावना नहीं दिखी. मुझे लगता था कि पढ़े लिखे व्यक्ति हैं इनके पास जानकारी अधिक होगी. लेकिन लगता है कि वो आंकड़े पढ़ते नहीं हैं. उनका ये बयान कहीं ना कहीं राजनीति से प्रभावित हैं.''


प्रधानमंत्री मोदी ने बांधे अंसारी की तारीफों के पुल
हामिद अंसारी की विदाई के दौरान राज्यसभा में पीएम मोदी ने हामिद अंसारी की तारीफों के पुल बांधे. प्रधानमंत्री ने कहा कि हामिद अंसारी मुसलमानों की लड़ाई लड़ते रहे.


प्रधानमंत्री ने कहा, "हामिद अंसारी जी वेस्ट एशिया में डिप्लोमैट रहे. इसके बाद अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे फिर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुलपति रहे. पिछले दस साल एक अलग तरह जिम्मेदारी निभाई. संविधान के दायरे में रहकर सदन को चलाया. जब भी आपसे मुलाकात हुई तब आपसे काफी कुछ सीखने का मौका मिला.''


अल्पसंख्यकों के लिए पहली बार नहीं बोले हामिद अंसारी
हामिद अंसारी ने पहली बार अल्पसंख्यकों के लिए आवाज नहीं उठाई है. उपराष्ट्रपति रहते हुए भी वे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बोलते रहे. देश में असहिष्णुता का विवाद छिड़ा था और बुद्धिजीवी लोग विरोध में अवार्ड लौटा रहे थे तब भी हामिद अंसारी ने सरकार को सचेत किया था.

अल्पसंख्यक सुरक्षा पर क्या कहते हैं आंकड़े?
देश की कुल आबादी में मुस्लिम आबादी 14.2 प्रतिशत है. 17 करोड़ 22 लाख मुस्लिम भारत में रहते हैं. औसतन सात सौ घटनाएं सांप्रदायिक हिंसा होती रही हैं. मोदी सरकार बनने के बाद भी ये सिलसिला जारी रहा. 2014 में 644, 2015 में 751 और 2016 में 703 घटनाएं हुई. मतलब मोदी सरकार में 2098 घटनाएं हुईं. शायद इन्हीं घटनाओं के बहाने हामिद अंसारी सरकार को अल्पसंख्यक सुरक्षा की ड्यूटी समझा गए.