नई दिल्ली: देश के 51 सांसदों और विधयकों के ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सामने आए हैं. इनमें रेप और अपहरण जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं. इन 51 में से 48 विधायकों और तीन सांसद हैं. ये जानकारी एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म) की एक रिपोर्ट में सामने आई है. जैसा की नाम से ज़ाहिर है, ये संस्था चुनाव सुधार पर काम करती है.


इस रिपोर्ट के हवाले से ये कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पहले नंबर पर बीजेपी के नेता हैं. बीजेपी के 14 नेताओं पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के गंभीर मामले हैं. इसके बाद सात नेताओं के साथ महाराष्ट्र की राजनीतिक पार्टी शिवसेना दूसरे नंबर पर है. वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस छह नेताओं के साथ तीसरे नंबर पर है.


इस रिपोर्ट के लिए एडीआर ने 4,896 में से 4,852 सांसदों और विधायकों के एफेडेविट को खंगाला है. इसमें 776 सांसदों में से 774 सांसदों के एफेडेविट के अलावा 4,120 विधायकों में से 4,078 विधायकों के एफेडेविट भी शामिल हैं. इसमें देश के सभी राज्यों के नेता शामिल हैं. दंग करने वाली बात ये भी है कि तकरीबन 1,581 (33%) सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.



एक जानकारी ये भी है कि पिछले पांच सालों में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने वालों में ऐसे 122 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे जिनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध का मामला है. रिपोर्ट में ये बता भी सामने आई है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में आरोपियों को टिकट देने में बड़ी पार्टियों में से बीजेपी पहले नंबर पर है. पार्टी ने ऐसे 48 उम्मीदवारों को टिकट दिया है.



वहीं ऐसे ही मामलों के आरोपियों को टिकट देने में उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती की पार्टी बीएसपी दूसरे नंबर पर है. पार्टी ने 36 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया था. वहीं टिकट देने के मामले में कांग्रेस तीसर नंबर पर है. महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल 27 उम्मीदवारों को इस पार्टी ने टिकट दिया था. इस आंकड़े में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा सबके चुनाव शामिल हैं.

राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र में ऐसे सबसे ज़्यादा एमपी-एमएलए हैं जिनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध का मामला है. इनकी संख्या 12 है. वहीं 11 नेताओं के साथ बंगाल दूसरे और छह नेताओं के साथ ओडिशा तीसरे नंबर पर है.

चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के हिसाब से भी महाराष्ट्र 65 कैंडिडेट्स के साथ पहले नंबर पर है, वहीं आपराधिक राजनीति के लिए बदनाम बिहार का नाम इस रिपोर्ट की इस कैटगरी में आया है. 62 उम्मीदवारों के साथ बिहार दूसरे नंबर पर है. 52 उम्मीदवारों के साथ बंगाल तीसरे नंबर पर है.