इटानगर: तेजी से घटे एक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री पेमा खाडू के नेतृत्व में पीपुल्स पार्टी ऑफ अरूणाचल (पीपीए) के 43 में से 33 विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने आज अरूणाचल प्रदेश में अपनी सरकार का गठन किया. खांडू ने विधानसभा अध्यक्ष तेंजिंग नोरबू थोंगदोक के सामने विधायकों की परेड करायी. विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के भाजपा में शामिल होने को मंजूरी दे दी.

पूरा नाटकीय घटनाक्रम गुरूवार को शुरू हुआ जब पीपीए के अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए खांडू, उपमुख्यमंत्री चौवना मेन और पांच विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया. राज्य में नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस :एनईडीए: सरकार की गठबंधन सहयोगी पीपीए ने कल टकाम पेरियो को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना था.

हालांकि राजनीतिक समीकरण तब बदल गए जब शुरूआत में पेरियो को समर्थन देने वाले पीपीए के अधिकतर विधायक बाद में खांडू के खेमे में चले गए. पीपीए ने आज चार और पार्टी विधायकों - होनचुन न्गानदम, बमांग फेलिक्स, पुंजी मारा और पानी टराम को भी निलंबित कर दिया.

खांडू ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अरूणाचल प्रदेश में आखिरकार कमल खिल गया. राज्य में लोग नयी सरकार के नेतृत्व में नये साल में विकास की नयी सुबह देखेंगे.’’ भाजपा में विलय के फैसले पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिस्थितियों ने विधायकों को लोगों एवं राज्य के हित में यह फैसला लेने के लिए मजबूर कर दिया.

खांडू ने कहा, ‘‘कांग्रेस के सालों के कुशासन के बाद हमने महसूस किया कि राज्य में कोई विकास नहीं दिख रहा. हम प्रगति एवं खुशहाली की तरफ राज्य को ले जाने के इरादे से पीपीए में शामिल हुए थे लेकिन वहां भी हमने ऐसी ही स्थिति देखी जहां पार्टी अध्यक्ष विधायकों के साथ अलोकतांत्रिक तरीके से पेश आए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए विकास को ध्यान में रखते हुए हमारे विधायकों ने सर्वांगीण विकास के लिए बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.’’

मुख्यमंत्री ने पीपीए अध्यक्ष के विधायकों को निलंबित करने के फैसले को ‘‘अलोकतांत्रिक’’ करार देते हुए कहा कि इस तरह का कदम उठाने से पहले पार्टी नेतृत्व को विधायकों को कारण बताओ नोटिस देना चाहिए था. खांडू ने कहा, ‘‘राजनीतिक रस्साकशी के कारण राज्य में पिछले साल से कोई महत्वपूर्ण विकास नहीं हुआ लेकिन अब केंद्र में राजग सरकार के होने के साथ राज्य में आने वाले सालों में आमूलचूल बदलाव आएगा. हमारा बीजेपी में शामिल होने का फैसला लोगों और राज्य में एक अप्रत्याशित राहत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार में जब तक स्थिरता नहीं आएगी कोई विकास नहीं होगा. असंतोष की राजनीति अब और नहीं होगी और हम केवल विकास पर ध्यान देंगे.’’

कांग्रेस विधायकों के पीपीए में शामिल होने को लेकर अरूणाचल प्रदेश कांग्रेस समिति :एपीसीसी: के अध्यक्ष पी रिचो द्वारा अदालत में दायर मामले के बारे में पूछे जाने पर खांडू ने कहा कि पार्टी में शामिल होना संविधान के दायरे में था. मामला गुवाहाटी उच्च न्यायालय में लंबित है और उसपर आने वाले सात जनवरी को सुनवाई होगी. खांडू ने कहा कि उन्होंने टकाम पेरियो, टंगा ब्यालिंग और राजेश ताचो को मंत्री परिषद से हटाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था.

वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या पीपीए बीजेपी के नेतृत्व वाली राजग सरकार की गठबंधन सहयोगी बनी रहेगी, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तपीर गाओ ने कहा कि एनईडीए के समन्वयक हिमंत विश्व शर्मा के तीन जनवरी को केन्या से लौटने पर उनके साथ इस विषय पर चर्चा की जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी पीपीए के बाकी दस विधायकों के इच्छा जताने पर उनका बीजेपी में स्वागत करेगी, खांडू ने कहा कि उनके पास यह फैसला लेने का अधिकार नहीं है. खांडू इस साल सितंबर में 42 विधायकों के साथ कांग्रेस से अलग हो गए थे.