नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है. राजस्थान में पक्षियों की मौत के बाद अलर्ट जारी किया गया है और झालावाड़ में एक किलोमीटर के इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा. हिमाचल प्रदेश के धर्माशाला में प्रशासन को जो सूचना मिली है उसके मुताबिक, 1700 से अधिक विदेशी पक्षियों की मौत हुई है.


केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और दूसरे घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश देने पर मजबूर होना पड़ा है.


राजस्थान कई जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. रविवार को अलग-अलग जिलों में 170 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बर्ड-फ्लू के मामले में सरकार लगातार निगरानी रख रही हैं. इसे प्रदेश में नहीं फैलने देंगे.


केरल के दो जिलों में बर्ड फ्लू का प्रकोप


केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है. कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक, इसी तरह अलप्पुझा जिले के कुट्टानद के कुछ फार्म में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं.


अधिकारियों ने कहा कि भोपाल में की गई नमूनों की जांच में बर्ड फ्लू के प्रकोप की पुष्टि हुई है. राज्य पशुपालन मंत्री के राजू ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि सरकार उन किसानों को मुआवजे का भुगतान करेगी, जिनके घरेलू पक्षियों को बर्ड फ्लू के चलते मारा जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा. सूत्रों ने बताया कि हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है. केरल में वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था.


राजस्थान में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी


राजस्थान कई जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. राजस्थान में झालावाड़ के राडी के बालाजी मंदिर परिसर में कौवो की मौत होना शुरू हुई तो एक किलोमीटर के इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ गया. रविवार को विभिन्न जिलों में 170 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई. पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलो और अन्य पक्षियों की हुई है. झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी जबकि अन्य जिलों के पक्षियों की मौत के नमूनों की जांच के परिणाम अभी तक नहीं मिले हैं. पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ विरेन्द्र सिंह ने बताया, ‘‘राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी तक 425 पक्षियों की मौत हुई है उनमें अधिकतर कौवे हैं. केवल झालावाड़ा में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. अन्य स्थानों में मौत के नमूनों की जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है.’’


पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षी ठंड के कारण मर रहे हैं. माइक्रोबायोलॉजिस्ट और राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी साइंसेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ एके कटारिया ने कहा कि महामारी विज्ञान में मौत के पैटर्न का मूल्यांकन महत्वपूर्ण है और यह सुझाव देता है कि ठंड के कारण मौतें हुई हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि उन्होंने जांच रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन मौतों का पैटर्न ठंड के झटके से मौत का सुझाव देता है क्योंकि एवियन इन्फ्लूएंजा के स्पष्ट लक्षण हैं. डॉ कटारिया ने बताया कि अधिकतर मौत कौवों की हुई है और अभी तक पोल्ट्री पक्षियों की नहीं हुई है. पशुपालन विभाग के अनुसार रविवार को बीकानेर में 80, सवाईमाधोपुर में 42, कोटा-बांरा में 12-12, पाली-जयपुर में 8-8, दौसा में छह, जोधपुर में पांच और झालवाड में दो पक्षियों की मौत हुई है. राज्य के 15 जिलों में पक्षियों के मौत की जानकारी मिली है. विभाग के अधिकारियों ने 252 पक्षियों की मौत होने के बारे में बताया था.


हिमाचल प्रदेश में मरने वाले प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि


हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पोंग बांध झील में मृत पाये गये प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू से संक्रमित पाये गये हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. राजस्थान, मध्यप्रदेश और केरल के बाद देश में हिमाचल प्रदेश चौथा ऐसा राज्य बन गया है जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मरे पाये गये हैं.


केंद्र द्वारा बतायी गयी जानकारी के हवाले से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अर्चना शर्मा ने कहा कि मरने वाले पक्षियों के नमूनों की जांच की रिपोर्ट के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. उन्होंने कहा कि उनका विभाग भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीजीज से इसकी पुष्टि का इंतजार कर रहा है क्योंकि इस बीमारी की जांच के लिये यह नोडल इकाई है. हाल ही में राजस्थान में बर्ड फ्लू की चेतावनी दी गयी थी, जहां आधा दर्जन जिलों में 250 कौवे मरे मिले थे. मध्यप्रदेश के इंदौर में भी मरे कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.


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