कांग्रेस ने शनिवार (04 अक्टूबर, 2025) को बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां होने का दावा किया और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘बी टीम’ के रूप में काम करते हुए पूरी तरह से ‘निर्लज्जता’ पर उतारू है और SIR की प्रक्रिया का मकसद भाजपा व उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है.

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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि आयोग को भाजपा की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए. निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद बिहार की अंतिम मतदाता सूची गत 30 सितंबर को प्रकाशित कर दी, जिसके अनुसार राज्य में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं.

'सुधार के बाद भी SIR गलत साबित'

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रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए ‘X’ पर पोस्ट किया, ‘निर्वाचन आयोग ने SIR का पूरा खेल ही भाजपा के इशारे पर रचा है. अंतिम SIR में निर्वाचन आयोग के सुधार के दावे भी गलत साबित हो रहे हैं. बिहार के सभी इलाकों से ऐसी खबरें आ रही हैं जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूरी प्रक्रिया का मकसद भाजपा व उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची में भी तमाम गड़बड़ियों के मामले बताते हैं कि निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों की भी कोई परवाह नहीं है और भाजपा की ‘बी टीम’ के रूप में काम कर रहा यह आयोग पूरी तरह से निर्लज्जता पर उतर चुका है.

कांग्रेस नेता का चुनाव आयोग से सवाल

रमेश ने सवाल किया, ‘क्या मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसका जवाब देंगे कि एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए और एक व्यक्ति का नाम एक ही बूथ पर तीन-तीन जगह क्यों है? अंतिम मतदाता सूची में इतनी बड़ी गड़बड़ियां कैसे सामने आ रही हैं, या वह पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘चिंताजनक बात यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से अधिक है. हमने पहले दिन से कहा है कि भारत का निर्वाचन आयोग पूरे देश का है और उसे सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए.’

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