Assembly Elections 2023: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले देश में दलित, ओबीसी और आदिवासी को लेकर राजनीति गरमा गई है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव रखा और कुछ घंटे के भीतर कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. वहीं पीएम मोदी ने तेलंगाना और मध्य प्रदेश में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इन्होंने अनुसूचित जाति (SC), अनुसुचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) नेताओं को आगे नहीं बढ़ने दिया. इसपर कांग्रेस ने पलटवार किया. बड़ी बातें- 


1. पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के सीधी में कांग्रेस पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने उन्हें आगे बढ़ाया जो कि दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाते थे. एससी, एसटी और ओबीसी के प्रभावशाली नेतृत्व को कभी नहीं उभरने दिया. इसी दरबारी मानसिकता के कारण सुबह और शाम मोदी को गाली देते हैं. मोदी को गाली देते-देते ओबीसी समाज को गाली देने लगे हैं.'' 


2. वहीं पीएम मोदी ने हैदराबाद में कहा, ''केंद्र की एनडीए सरकार में 27 ओबीसी मंत्री हैं, जो आजादी के बाद सबसे ज्यादा हैं. आज देश में बीजेपी के 85 ओबीसी सांसद हैं. आज देश में बीजेपी के 365 ओबीसी विधानसभा सदस्य हैं.''


3. अमित शाह ने भी राजस्थान के नागौर के परबतसर में चुनावी रैली करते हुए कांग्रेस पर ओबीसी का अपमान करने का आरोप लगया. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार में 27 प्रतिशत मंत्री ओबीसी से हैं. हमारे 303 सांसदों में से 29 प्रतिशत (84) ओबीसी से हैं, इसी तरह, हमारे 1,358 विधायकों में से 27 फीसदी ओबीसी से हैं और 163 एमएलसी में से 40 फीसदी पिछड़े वर्ग से हैं.’’


4. पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, ''पीएम मोदी ने गलत बात की है. हमारे चार में से तीन सीएम ओबीसी वर्ग से आते हैं.'' 


5. पीएम मोदी पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के कविता ने निशाना साधा. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा,'' पीएम मोदी ने आज तेलंगाना में ओबीसी और बीसी समुदाय के लिए स्कीम की घोषणा चुनाव के कारण की. बीजेपी को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि जाति जनगणना क्यों नहीं करा रहे हैं?''


6. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में एससी, एसटी और ओबीसी सहित अन्य वर्ग के आरक्षण बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा, ''पहले से मौजूद 50 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया जाए. पहले से आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी परसेंट आरक्षण मिल रहा है. ऐसे में कुल आरक्षण 75 फीसदी हो जाएगा.''


7. इसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में नीतीश कैबिनेट ने अनुसूचित जाति को पहले से मिल रहे 16 फीसदी के बजाय 20 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया. वहीं अनुसूचित जनजाति को पहले से मिल रहे 1 फीसदी आरक्षण के बजाय 2 परसेंट, अति पिछड़े को 25 फीसदी और OBC को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है. आर्थिक रूप से पिछड़े यानि EWS वर्ग को 10 प्रतिशत का आरक्षण जारी रहेगा. 


8. नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना उन पर भी हमला किया. उन्होंने कहा, ''कुछ लोग कहते हैं कि अन्य जातियों के नुकसान के लिए कुछ समुदायों के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. ये सब बोगस बात है. ये नहीं बोलना चाहिए था.’’ अमित शाह ने हाल ही में मुजफ्फरपुर में एक रैली में नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जातिगत सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाई गई. इसका अन्य पिछड़े वर्गों पर असर पड़ेगा.


9.  केंद्र सरकार ने हाल ही में जातिगत जनगणना को लेकर रूख साफ किया था. अमित शाह ने 3 नवंबर को कहा था, ''हम वोटों की राजनीति नहीं करते हैं. सभी से चर्चा करने के बाद जो भी उचित निर्णय होगा हम बताएंगे. इसके आधार पर चुनाव की नैय्या पार लगाना ठीक नहीं है. बीजेपी ने इसका कभी विरोध नहीं किया है. बहुत सोच समझकर निर्णय लेना होता है, उचित समय पर हम बताएंगे.''


10. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल जातिगत जगणना की मांग करते हुए कह रहे हैं कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी आबादी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की वर्किंग कमेटी की मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने ओबीसी समाज के लिए काम नहीं किया है. हम बिहार में जातिगत सर्वे की तरह कांग्रेस शासित राज्य भी करेंगे. 


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