Bihar Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने बिहार में महागठबंधन सरकार (Bihar Grand Alliance) में मंत्री पदों के बंटवारे को लेकर सवाल खड़ा किया है और पूछा है कि ‘‘ राजद (RJD)के पास 79 विधायक हैं और उसे 17 मंत्री पद मिले हैं और जदयू (JDU) कोटे के 46 विधायक (एक निर्दलीय समेत) हैं और उसे 13 मंत्री पद मिले हैं. हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (HAM)के चार विधायक हैं और उसे एक मंत्री पद मिला है. तो फिर कांग्रेस (Congress) के 19 विधायक हैं तो उसे सिर्फ दो मंत्री ही पद क्यों मिले हैं.’’

बुधवार को आजाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि बिहार में गैर भाजपा दलों का मिलकर सरकार बनाना स्वागत योग्य कदम है, लेकिन कांग्रेस को उचित हिस्सेदारी नहीं मिली है. उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन में कांग्रेस को छोड़कर अन्य घटक दलों को अच्छी संख्या में मंत्री पद मिले हैं.

आजाद ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े किए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘बिहार की कैबिनेट में विभागों का बंटवारा भी बिना किसी तर्क के किया गया है और ‘यह हैरान करने वाली बात है कि कांग्रेस से किसी ने भी मंत्री पदों को लेकर समुचित हिस्सेदारी के लिए दबाव भी नहीं बनाया.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कम से कम चार मंत्री पद मिलने चाहिए थे और अगर ऐसा हुआ होता तो पार्टी को समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का मौका मिलता. उनके अनुसार, उचित हिस्सेदारी नहीं मिलने के कारण कांग्रेस सवर्ण वर्ग से कोई मंत्री नहीं बना सकी.

कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने कहा-एक और मंत्री लेगा शपथ

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मंत्री पदों के बंटवारे के दौरान कांग्रेस को विधानसभा में अपने संख्याबल के आधार पर अपनी हिस्सेदारी की जानकारी होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा '' अगर ऐसा होता तो हमारे चार मंत्री बनते और सवर्ण समुदाय के व्यक्तियों को आसानी से शामिल किया जा सकता था.'' उधर, कांग्रेस के बिहार के प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा है कि पार्टी कोटे से तीन मंत्री होंगे तथा दो मंत्रियों ने शपथ ले ली है और एक मंत्री बाद में शपथ लेगा.

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