Opposition Parties Meeting In Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सभी विपक्षी दलों की बैठक आगामी 23 जून को पटना में होने जा रही है. पटना की इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली को लेकर लाए गए अध्यादेश का मुद्दा छाया रहेगा. इस बैठक में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के अलावा कई गैर बीजेपी दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे.


AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में केंद्र सरकार के तरफ से दिल्ली पर लाया गया अध्यादेश मुख्य एजेंडा होगा. इसमें कांग्रेस से अध्यादेश पर अपना रूख साफ करने के लिए कहा जाएगा. दिल्ली के सीएम ने कहा कि वह इस बैठक में संविधान लेकर जाएंगे.


'यह अध्यादेश दूसरे राज्यों में भी लाया जा सकता है'
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं सभी दलों को समझाऊंगा कि कैसे केंद्र सरकार इसी तरह का अध्यादेश पूर्ण राज्यों में भी ला सकती है और इसके माध्यम से समवर्ती सूची में शामिल विषयों को खत्म कर सकती है. वहीं AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बैठक में मैं संविधान लेकर जाऊंगा और सभी राजनीतिक दलों को समझाऊंगा कि आप ये न समझें कि दिल्ली आधा राज्य है, इसलिए केंद्र दिल्ली पर आध्यादेश लेकर आया है. 


सीएम ने कहा कि ये अध्यादेश तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब समेत किसी भी राज्य में आ सकता है. केंद्र सरकार अगर इसी तरह का अध्यादेश लाती है तो पूर्ण राज्यों के अंदर भी समवर्ती सूची के जितने भी विषय हैं, उनको खत्म कर सकती है. समवर्ती सूची के अंदर बिजली और शिक्षा समेत कई विषय हैं, जिनको पूर्ण राज्यों के अंदर दिल्ली की तरह ही अध्यादेश लाकर खत्म किया जा सकता है.


नौकरशाहों के तबादलों और पोस्टिंग का है मामला
बता दें कि केंद्र सरकार ये अध्यादेश 19 मई को 'स्थानांतरण पोस्टिंग, सतर्कता और दूसरे प्रासंगिक मामलों' के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लेकर आई थी. अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया था. जो केंद्र बनाम दिल्ली मामले में हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार करता है.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों के तबादलों और पोस्टिंग पर केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों से समर्थन मांगने के लिए देशव्यापी दौरा कर अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं. इस अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने केंद्र पर दिल्ली के लोगों के "अधिकार छीनने" का आरोप लगाया है.


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