पटना: बिहार की राजधानी पटना में बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. भले ही शहर में जमा पानी घट रहा हो, लेकिन पुनपुन नदी उफान पर है. पुनपुन खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है. कई जगह पानी तटबंधों को तोड़ता हुआ ग्रामीण इलाकों में घुस गया है. जिससे पटना के कई गांव डूब गए हैं.

पटना-गया रेल रुट फिलहाल बंद

पटना में पानी के प्रहार से घबराए लोग पलायन करने को मजबूर हैं. पुनपुन के विकराल रुप को देखते हुए पटना-गया रेल रुट को फिलहाल बंद कर दिया गया है. वहीं, बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. पटना में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों कंकडबाग, राजेंद्रनगर और पाटलिपुत्र में बैंक, दुकानें, निजी अस्पताल और कोचिंग संस्थान एक हफ्ते से बंद हैं.

पटना में बांटे जा रहे हैं खाने के पैकेट

पटना शहर के जल-जमाव वाले क्षत्रों में जिला प्रशासन द्वारा पेयजल, भोजन के पैकेट और दूध का वितरण भी किया जा रहा है और दो स्थानों पर निःशुल्क सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. पटना जिला प्रशासन द्वारा अबतक 1 लाख71 हजार 298 पानी की बोतलें, 56 हजार पानी पाउच, 21 हजार 500 दूध पैकेट और 33 हजार 631 भोजन पैकेट का वितरण किया जा चुका है.

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जमा पानी निकालने के लिए कोल इंडिया ने भेजे पंप

वहीं, कोल इंडिया लिमिटेड ने पटना के इलाकों में जमे पानी को निकालने के लिए उच्च क्षमता वाले चार पंप उपलब्ध कराए हैं. इन चार में से दो पंप की क्षमता एक हजार गैलन प्रति मिनट पानी निकालने की है जबकि दो पंप की क्षमता 5000 गैलन प्रति मिनट है.

कोल इंडिया लिमिटेड के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हमने चार शक्तिशाली पंप भेजे हैं, जिसने पटना के राजेंद्र नगर, टीवी टावर और पाटलीपुत्र कॉलोनी क्षेत्र से पानी निकालने का काम शुरू कर दिया है.’’

बाढ़-बारिश से 73 लोगों की मौत

गौरतलब है कि 27 सितंबर से 30 सितंबर तक हुई जबरदस्त बारिश के कारण पटना सहित प्रदेश के 15 जिले में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इस दौरान में पूरे राज्य में बारिश के कारण कम से कम 73 लोगों की मौत हो चुकी है.

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