भाजपा ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनकी पार्टी को 95 चुनाव में हार का सामना कराने के लिए निशाना साधते हुए कहा कि वह दो दशकों में मिली करारी हार के बावजूद ‘शताब्दी से पांच साल पीछे’ हैं.

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पार्टी ने बिहार कांग्रेस नेताओं और लोकसभा में विपक्ष के नेता के बीच गंभीर मतभेदों पर ध्यान दिया. यह मतभेद राज्य में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) में गड़बड़ियों का आरोप लगाने के उनके फैसले को लेकर हैं.

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए राहुल गांधी के बयान का जिक्र किया. राहुल ने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बावजूद वे चिंतित नहीं हैं. मालवीय ने सवाल उठाया कि राहुल कांग्रेस को चुनाव जिताने में असमर्थ क्यों हैं.

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में मालवीय ने कहा, "राहुल गांधी की 95 हार. कई लोग उन्हें 9 से 5 बजे तक दोषा देने वाला नेता कहेंगे, लेकिन राहुल गांधी दो दशकों में 95 चुनावी हार झेल चुके हैं, जो 100 से पांच कम है. क्या भारत की संस्थाओं पर यह हमला चांदी के चम्मच वाले इस वंशज की ध्यान भटकाने की चाल है?"

बिहार कांग्रेस में एसआईआर चुनावी मुद्दे पर बढ़ते मतभेदों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता शकील अहमद ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के राहुल गांधी के विरोध को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने सही सवाल उठाया है, अगर 65 लाख मतदाताओं के नाम कथित तौर पर काटे गए थे, तो 65 लोगों ने भी विरोध क्यों नहीं किया?

मालवीय ने कहा कि उन्होंने आगे पूछा कि कांग्रेस, राजद या कम्युनिस्ट पार्टियों के एक भी कार्यकर्ता ने एक भी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई. अब यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी अवैध घुसपैठियों को बचाने का अभियान चला रहे थे, जिनमें से ज्यादातर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान हैं.