लालू प्रसाद यादव के परिवार में छिड़ा विवाद अब बिहार की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है. रोहिणी आचार्य के राजनीति से दूरी बनाने और परिवार से अलग रहने के फैसले ने न केवल RJD के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं, बल्कि पूरे सियासी माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है. जैसे-जैसे मामला बाहर आ रहा है, विपक्ष से लेकर एनडीए के नेता अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

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बीजेपी का परिवार पर सीधा हमलाविवाद पर बीजेपी ने हमला बोला है. पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए तंज कसते हुए कहा कि बिहार की जनता ने RJD को सत्ता से दूर रखकर खुद को "जंगलराज" से बचाया. बीजेपी ने सवाल उठाया कि 'जिस परिवार में बहू-बेटियों के साथ ऐसी स्थितियां बन जाती हों, अगर वही लोग सरकार चला रहे होते तो बिहार की महिलाओं का क्या होता?' इस बयान ने राजनीतिक गरमी और बढ़ा दी. बीजेपी के आधिकारिक एक्स हैंडल से लिखा गया -'बिहार की जनता ने RJD को नहीं चुनकर जंगलराज से बचा लिया! जिस परिवार में बहू-बेटियों को बाल पकड़कर और चप्पल से पीटा जाता हो, सोचिए... ये लोग अगर सत्ता में आ जाते, तो बिहार की बहन-बेटियों के साथ कैसा सलूक करते...'

चिराग पासवान ने जताई संवेदनाएलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने विवाद को मानवीय पहलू से देखते हुए कहा कि रोहिणी की तकलीफ समझी जा सकती है. उन्होंने कहा, 'रोहिणी भी मेरी बहन जैसी हैं. परिवार में तनाव हो तो दर्द गहरा होता है. यह धारणा गलत है कि बेटी का घर सिर्फ ससुराल है. रोहिणी जो महसूस कर रही हैं, उसकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं. उम्मीद है, हालात जल्द सुधरेंगे.'

जेडीयू ने बताया निजी मामला जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने इस विवाद को लालू परिवार का निजी विषय करार दिया. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा परिवार है, मतभेद होना असामान्य नहीं, लेकिन ऐसी स्थिति का बाहर आना दुखद है. चौधरी का कहना था कि यह पूरा विवाद RJD के लिए भी असहज स्थिति पैदा करता है और इसे राजनीतिक रंग देना उचित नहीं.