बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीट बंटवारे का ऐलान हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. दोनों बराबरी पर हैं. वहीं चिराग पासवान की लोजपा रामविलास को 29 सीटें मिली हैं. इसी तरह एनडीए के अन्य सहयोगी दलों की भी सीटें निश्चित हो चुकी हैं. अहम बात यह है कि नीतीश की पार्टी अब बड़े भाई की भूमिका में नहीं रही. जेडीयू और भाजपा बराबरी पर हैं. सूत्रों की मानें तो चिराग भी बंटवारे के बाद खुश हैं, लेकिन जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा में नाराजगी है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने बंटवारे के बाद कहा, ''सीटों का समझौता हो गया है, एनडीए पूरी तरह कंफर्टेबल है, अब जल्दी से हम लोग ये भी तय कर लेंगे कि किसको कहां से टिकट मिलेगा.'' वहीं विजय सिन्हा ने कहा, पूरी तरह से एनडीए गठबंधन सफल रहेगा, भारी बहुमत से हमारी सरकार बनेगी. मांझी जी (जीतन राम मांझी) भी संतुष्ट हैं, उन्होंने कहा है, हम लोग साथ हैं.''
सीट बंटवारे पर क्या बोले जीतन राम मांझी
राजग के दो छोटे सहयोगी दल केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) को छह-छह सीट मिलने पर दोनों दलों ने सीट बंटवारे के फार्मूले को लेकर असंतोष जताया. मांझी ने कहा, ''ऊपर से जो फैसला हुआ है, हमने उसे स्वीकार किया है. लेकिन सिर्फ छह सीट देकर हमें कमतर आंका गया है. इसका असर चुनाव में राजग पर पड़ेगा.''
उपेंद्र कुशवाहा ने भी जताया असंतोष
कुशवाहा ने सीट बंटवारे की घोषणा के बाद देर रात ‘एक्स’ पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा, ''प्रिय साथियों, मैं आप सबसे क्षमा मांगता हूं. हमें जितनी सीटें मिली हैं, वह आपकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं. मैं समझता हूं कि यह फैसला उन साथियों को आहत करेगा जो हमारी पार्टी से उम्मीदवार बनने की उम्मीद रखे थे.''
बता दें कि एनडीए ने रविवार को 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा की थी, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष सीट छोटे घटक दलों को दी जाएंगी. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी.