Bihar Caste Survey Report: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने कास्ट सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. रिपोर्ट में राज्य के हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई, जैन और बौद्ध समेत सभी धर्मों और जातियों की आबादी का आंकड़ा पेश किया गया है. 2011 में आखिरी बार जनगणना हुई थी. उस रिपोर्ट और ताजा रिपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डालें तो हिंदुओं और मुसलमानों के संख्या में मामूली सा फर्क आया है. 


रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, जहां हिंदुओं की आबादी में मामूल सी कमी आई है. वहीं, मुसलमानों की संख्या बढ़ी है. 2011 से 2023 के बीच हिंदुओं की संख्या 0.8 फीसदी कम हुई है और 0.8 फीसदी मुसलमानों की संख्या बिहार में बढ़ी है. रिपोर्ट के आंकड़ों की मानें तो मुसलमानों की आबादी तुलनात्मक रूप से 11 सालों में बढ़ी है.


क्या हैं 2011 और 2023 के आंकड़े
2011 की जनगणना के मुताबिक, बिहार में हिदुओं की संख्या 81.9 फीसदी थी, जबकि 2023 में यह संख्या 82.7 फीसदी है. दोनों रिपोर्ट का यह अंतर 0.8 फीसदी है. वहीं, मुस्लिम आबादी की बात करें तो 2023 की रिपोर्ट में मुसलमानों की संख्या 17.7 फीसदी है, जबकि 2011 की रिपोर्ट में यह आंकड़ा 16.9 फीसदी था और यह अंतर 0.8 फीसदी है.


बिहार कास्ट सर्वे के आंकड़े
हिंदू- 81.9%
मुस्लिम- 17.7%
ईसाई- 0.05%
सिख- 0.01%
बौद्ध- 0.08%
जैन- 0.009%
अन्य- 0.12%


2011 की जनगणना के आंकड़े
हिंदू- 82.7%
मुस्लिम- 16.9%
ईसाई- 0.12%
सिख- 0.02%
बौद्ध- 0.02%
जैन- 0.02%
अन्य- 0.1%


ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय की संख्या
रिपोर्ट में ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय के आंकड़े भी दिए गए हैं. इसके मुताबिक, ईसाई, सिख और जैन समुदाय की जनसंख्या घटी है. 2023 की रिपोर्ट में सिखों, ईसाई और जैन लोगों की की संख्या क्रमश: 0.01 फीसदी, 0.05 फीसदी और 0.009 फीसदी है. वहीं, 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़ा तीनों धर्मों के लोगों के लिए क्रमश: 0.02 फीसदी, 0.12 फीसदी और 0.02 फीसदी था. ताजा रिपोर्ट में पहले की तुलना में ईसाईयों की आबादी 0.7 फीसदी, सिखों की संख्या 0.01 फीसदी और जैन समुदाय के लोगों की संख्या 0.011 फीसदी कम हो गई. इनके अलावा, बौद्ध धर्म की जनसंख्या 2011 में 0.02 फीसदी थी, जो 2023 में 0.08 फीसदी हो गई. वहीं, अन्यों की संख्या 2011 में 0.1 फीसदी थी, जो 2023 में 0.12 फीसदी हो गई.


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