बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, चुनाव आयोग आज (6 अक्टूबर) को वोटिंग की तारीखों का ऐलान करने वाला है. ऐसे में चुनाव से जुड़े कई सर्वे सामने आ रहे हैं, जिनमें नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. इस बार चुनावी रणनीतिकार से राजनीति में उतरे प्रशांत किशोर का फैक्टर भी चुनाव में अहम किरदार निभाने वाला है. ऐसे में पिछली बार के ओपिनियन पोल के आंकड़े भी देखना जरूरी है कि वो कितने सटीक साबित हुए थे. 

Continues below advertisement

पिछले बिहार चुनाव में जो ओपिनियन पोल सामने आए थे, उनमें ज्यादातर में महागठबंधन की सरकार बनने की संभावना जताई गई थी, जबकि कई में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर बताई गई थी. लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में एनडीए को 38 फीसदी, महागठबंधन को 32 फीसदी, उपेंद्र कुशवाहा के गठबंधन को सात फीसदी, चिराग पासवान की एलजेपी को छह फीसदी और अन्य के खाते में 17 फीसदी वोट जाने की संभावना जताई गई थी. 

इस बार NDA-महाठबंधन में कांटे की टक्कर

Continues below advertisement

इस बार चुनाव की तारीखों से पहले सामने आए ओपिनियन पोल में एनडीए को बढ़त मिलती हुई दिखाई दे रही है. अगर चार ओपिनियन पोल का औसतन आंकड़ा देखा जाए तो जहां एनडीए को 40-52 फीसदी तक वोट और 130 से 158 सीटें मिल सकती हैं. वहीं महागठबंधन को 37 से 41 फीसदी वोट शेयर यानी 80 से 103 सीटें मिलने का अनुमान है.  

नीतीश कुमार CM फेस की पहली पसंद

जेवीसी ओपिनियन पोल के मुताबिक, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 40 फीसदी वोट और 81-103 सीटें मिलने की संभावना है. इसके अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज को 10-11 फीसदी वोट और 4-6 सीटें मिल सकती हैं. अगर मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे की बात की जाए तो नीतीश कुमार इसकी पहली पसंद कर चुके हैं. उन्हें 27 फीसदी जनता ने इसके लिए वोट किया है, जबकि तेजस्वी यादव दूसरे स्थान पर हैं.

2020 चुनाव में किस पार्टी को मिली थीं कितनी सीटें? 

बिहार में साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, आरजेडी को 75 सीटों पर जीत मिली थी,जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं, जो दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी. अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू की बात करें तो उसे 43 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अलावा कांग्रेस को 19, सीपीआईएमएल को 12, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 5, जीतन राम मांझी को 4, मुकेश सहनी की वीआईपी को 4, सीपीआई को 2, सीपीआईएम को 2, मायावती की पार्टी बीएसपी को 1, एलजेपी को 1 और निर्दलीय पर एक उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. 

ये भी पढ़ें- बिहार में कब और कितने चरणों में होंगे चुनाव, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान