बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इसी साल के आखिर में होने हैं. एक ओर जहां नीतीश के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन एकजुट है तो वहीं दूसरी ओर तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन भी पूरी जोर आजमाइश कर रहा है. इस बीच प्रशांत किशो की जन सुराज पार्टी की एंट्री ने बिहार की सियासत को कई मायनों में दिलचस्प बना दिया है.
बिहार चुनाव को लेकर इंडिया वाइब का एक सर्वे सामने आया है, जिसके मुताबिक अगर प्रशांत किशोर की पार्टी 10 प्रतिशत वोट हासिल करती है और उसमें से 5 फीसदी इंडिया ब्लॉक के वोट काटती है तो महागठबंधन को 34 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. वहीं, दूसरी ओर एनडीए को 42 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बढ़त मिलेगी.
अगर PK ने NDA के वोट काटे तो क्या होगा?
सर्वे के मुताबिक, इसके उलट अगर पीके की पार्टी 10 फीसदी वोट शेयर में से 5 प्रतिशत एनडीए के वोट काटती है तो फिर इंडिया ब्लॉक आगे निकल जाएगा. आंकड़ों के मुताबिक इस स्थिति में इंडिया गठबंधन को 39 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है और एनडीए गठबंधन को 37 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं.
एक सर्वे में दोनों के बीच कांटे की टक्कर
इंडिया वाइब के सर्वे के मुताबिक अगर पीके की जन सुराज 10 फीसदी वोट शेयर में से दोनों ही पार्टियों (एनडीए और इंडिया ब्लॉक) के 2.5-2.5 फीसदी वोट काटे और 5 फीसदी अन्य पार्टियों के वोट काटे तो उस सूरत में एनडीए आगे निकल जाएगा. सर्वे के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो एनडीए को 39 फीसदी वोट मिलने की संभावना है और इंडिया ब्लॉक को तब 36 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. ऐसे में साफ है कि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए बाजी मार ले जाएगा. पीके को युवाओं का 20 फीसदी समर्थन
सर्वे के मुताबिक पीके की पार्टी को 20 फीसदी समर्थन 18 से 24 साल की आयु के युवाओं से मिल रहा है. जेएसपी की रणनीति अलग-अलग जातियों से उम्मीदवार उतारने की है. ऐसे में पार्टियों के परंपरगत वोट बैंक टूटने का भी खतरा उभर रहा है. सर्वे के मुताबिक 54 फीसदी वोटर अपने मौजूदा विधायक को वोट नहीं करना चाहते हैं.
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