प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (12 सितंबर, 2025) को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पशु अधिकार कार्यकर्ताओं पर कटाक्ष किया और जानवरों के प्रति उनके चुनिंदा रवैये को भी उजागर किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैं हाल ही में, मैं कुछ एनिमल लवर्स से मिला, उनके इतना बोलते ही लोग हंसने लगे.
पीएम मोदी ने कहा कि आप क्यों हंस रहे हैं? हमारे देश में ऐसे कई लोग (पशु प्रेमी) हैं और खास बात यह है कि उनमें से ज़्यादातर गाय को जानवर नहीं मानते. उनके इस बयान पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित सभी मौजूद लोग हंस पड़े. प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लेकर उठी बहस की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें आवारा कुत्तों को सड़कों से पूरी तरह हटाने और उन्हें आश्रय स्थलों में रखने का आदेश दिया गया है.
हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है
प्रधानमंत्री मोदी खुद कई बार गायों के साथ समय बिताते देखे गए हैं और हाल के सालों में त्योहारों के दौरान उन्हें खाना खिलाते और दुलारते हुए उनकी तस्वीरें वायरल हुई हैं. बता दें कि हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और उन्हें गौ माता के रूप में पूजा जाता है.
मोदी सरकार ने गौ संरक्षण के लिए की कई पहल
मोदी सरकार ने 2014 से गौ संरक्षण के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिनमें 2019 में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) की स्थापना भी शामिल है. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत आरकेए की स्थापना गायों और उनकी संतानों के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के मकसद से की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर दिया था आदेश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने 11 अगस्त को अपने आदेश में कुत्तों के काटने और रेबीज के मामलों का हवाला देते हुए नगर निगम अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें स्थायी रूप से स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. इस आदेश पर कार्यकर्ताओं और मशहूर हस्तियों ने भारी आक्रोश व्यक्त किया और आश्रय गृहों में रह रहे जानवरों को लेकर चिंता जताई.
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