नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पाल ने कहा है कि मास्क अगले साल भी तक रहेगा और लोगों में कोविड के विकास को रोकने के लिए प्रभावी दवाइयों की जरूरत होगी. उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के तौर पर प्रभावी दवा, अनुशासित सोशल व्यवहार पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "मास्क पहनना दूर नहीं जाएगा कुछ वक्त के लिए. हम अगले साल तक भी मास्क पहनना जारी रखेंगे. मेरा नजरिया है कि ये वैक्सीन, दवा, तर्कसंगत अनुशासित व्यवहार का मिश्रण होगा."


नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पाल का बड़ा बयान


उन्होंने बीमारी को रोकने के लिए असरदार दवाइयों पर जोर दिया. भारत की कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी की स्थिति का हवाला देते हुए पाल ने विश्वास जताया कि वैश्विक संस्था सकारात्मक रिस्पॉन्स के साथ आएगी, इस महीने के अंत से पहले. ज्यादातर भारतीयों के बीच सबसे ज्वलंत सवाल कि क्या कोरोना की तीसरी लहर होगी? उन्होंने कहा, "इंकार नहीं किया जा सकता. अगले तीन से चार महीने का समय है जब वैक्सीन हर्ड इम्यूनिटी बनाने के लिए पेश की जा रही है. हमें खुद को बचाने और प्रकोप से बचने की जरूरत है.


मास्क 2022 तक रहेगा, कोविड के लिए दवा की जरूरत


मेरे नजदीक ये संभव है कि क्या हम सभी इस लड़ाई में एक साथ हैं." उन्होंने बड़े त्योहारों का मौसम जैसे दिवाली और दशहरा के खिलाफ भी चेताया. उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीनों में ये त्योहार पड़ रहे हैं, जिसे अगर ठीक से संभाला नहीं गया, तो संभावित तौर पर बीमारी का विशाल फैलाव हो सकता है. जब उनसे ऐसी हालत में लोगों पर पाबंदियों की सिफारिश पर सवाल पूछा गया, तो वरिष्ठ डॉक्टर भारत में इसके बारे में अनिश्चित थे. उन्होंने उम्मीद जताई कि दवा के साथ दुनिया भाग्यशाली होगी जैसा कि वैक्सीन के साथ रही. उन्होंने कहा, "हमारे पास जोखिम भरा समय आ रहा है. वायरस को दूर करने के तरीके हैं, सिद्धांत रूप में, ऐसी स्थिति में. और चरणबद्ध तरीके में पाबंदियां लगाने के लिए गाइडलाइन्स हैं. और उसे समय पर लागू किया जाना चाहिए."


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