नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गिरफ्तार छह आतंकियों से लगातार पूछताछ कर रही है इस पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं स्पेशल सेल के सूत्रों की माने तो पाकिस्तान ISI की एक बड़ी साजिश बेनकाब हुई है. स्पेशल सेल की पूछताछ में आतंकी जिशान ने कबूल किया है कि भारत को आर्थिक नुकसान पहुँचाना चाहता था आतंक का ये मोड्यूल. इतना ही नहीं जिशान ने ये भी बताया कि कोविड के बाद हिन्दुतान में 'इकनोमिक टेररिज्म' को अंजाम देना चाहती थी पाक खुफिया एजेंसी ISI. इसके लिए बाकायदा ट्रेनिंग के दौरान ये भी बताया कि अगर धमाके ना कर पाओ तो भारत को आर्थिक नुकसान पहुँचाओ. इस दौरान फैक्ट्री, गोडाउन, शोरूम और दुकानें जलाने के भी निर्देश दिए गए थे, रेलवे के जरिये होने वाले कॉटन व्यापार को टारगेट करने के लिए कहा गया था. कॉटन से भरी बोगियों को धमाके से जलाना चाहते थे ताकि आर्थिक नुकसान ज्यादा हो सके.


जान मोहम्मद ISI के संपर्क में


स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि आतंकी जान मोहम्मद सीधे अनीस इब्राहिम और ISI के संपर्क में था. पूछताछ में आतंकी जान मोहम्मद ने कबूल किया कि वो जबरन उगाही के लिए गोवा गुटका कारोबारी के यहां भी धमाका कर चुका है और एक अनवर नाम के कारोबारी की हत्या भी कर चुका है. जान मोहम्मद से आज करीब ढाई घंटे तक महाराष्ट्र ATS ने भी पूछताछ की.


स्पेशल सेल के सूत्रों की माने तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का एक बड़ा चेहरा बेनकाब हुआ है सूत्रों ने बताया कि मस्कट में ISI ने बाकायदा कुछ लोगों को सैलरी पर रखा हुआ था जिनका काम था जो लड़के ट्रेनिंग के लिए टेरर कैंप जाते हैं उन्हें पानी के रास्ते मस्कट से पाकिस्तान पहुंचाना. 


फिजिकल ट्रेनिंग का भी है इंतजाम


स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि जिस वोट से पानी के रास्ते लड़कों को पाकिस्तान पहुंचाया जाता था वहां पर ISI का एक शख्स मौजूद होता था जो रास्ते में पाकिस्तान में मौजूद अपने अधिकारियों को मूवमेंट की सभी जानकारी देता था. इतना ही नहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर जिस फार्म हाउस में आतंकियों को ट्रेनिंग दी गयी वहां फायरिंग रेंज से लेकर फिजिकल ट्रेनिंग देने तक का इंतजाम था.


सूत्रों ने यह भी बताया कि 3 शिफ्टों में होती थी ट्रेनिंग. पहली शिफ्ट में एक मौलवी आकर जिशान और ओसामा समेत तमाम जेहादियों को विशेष समुदाय के खिलाफ़ होने वाले अत्याचार के वीडियो दिखाकर भड़काता था उनका ब्रेनवॉश करता था. दूसरी शिफ्ट में पाकिस्तान की आर्मी के लोग इन आतंकियों को हथियार चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग देते थे. घरेलू इस्तेमाल में आने वाली चीजों से भी कैसे बम बना सकते हैं ये भी बताया जाता था. तीसरी शिफ्ट में ISI के लोग इन लड़कों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में छिपकर हमला करने, रेकी करने और टारगेट तलाशने की ट्रेनिंग देते थे.


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