नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन को 2026 तक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में जारी रखने को बुधवार को अनुमति प्रदान कर दी. योजना 4,607.30 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रभाव के साथ एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी. 


ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि योजना में भारतीयों के संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आयुष क्षेत्र का विस्तार शामिल है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्राचीन एवं पारंपरिक औषधीय प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाएगा और आयुष स्वास्थ्य केंद्रों, मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना की जाएगी और इन्हें उन्नत किया जाएगा. 


सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने उत्तर पूर्वी लोक चिकित्सा संस्थान के नाम को उत्तर पूर्वी आयुर्वेद और लोक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के रूप में बदलने को भी मंजूरी दी है. इस संबंध में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इसके साथ ही महत्वपूर्ण परिवर्तन ‘मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन’ और नियमों व विनियमों में भी किए जाएंगे. 


इसमें कहा गया कि आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करने के लिए संस्थान से आयुर्वेद को जोड़ना पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा. बयान में आगे कहा गया कि संस्थान न केवल भारत में, बल्कि तिब्बत, भूटान, मंगोलिया, नेपाल, चीन जैसे पड़ोसी देशों और अन्य मध्य एशियाई देशों में आयुर्वेद और लोक चिकित्सा के छात्रों के लिए भी अवसर प्रदान करेगा. 


इसमें कहा गया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक 4,607.30 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 3,000 करोड़ रुपये और राज्य के हिस्से के रूप में 1,607.30 करोड़ रुपये) के वित्तीय व्यय के साथ जारी रखने को मंजूरी दे दी है. आयुष मिशन 15 सितंबर 2014 को शुरू किया गया था. 


योजना को आयुष मंत्रालय द्वारा सस्ती आयुष सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य आयुष अस्पतालों और औषधालयों के उन्नयन के माध्यम से व्यापक पहुंच के साथ, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और जिला अस्पतालों (डीएच) में आयुष सुविधाओं को एक साथ मुहैया करना, आयुष शैक्षणिक संस्थानों के उन्नयन के माध्यम से राज्य स्तर पर संस्थागत क्षमता को मजबूत करना, 50 बिस्तरों वाले एकीकृत आयुष अस्पताल की स्थापना, आयुष सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और 12,500 आयुष स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन करना है. इस मिशन से आयुष सेवाओं एवं दवाओं की बेहतर उपलब्धता एवं प्रशिक्षित श्रमबल प्रदान कर आयुष स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच उपलब्ध होने की उम्मीद है.