Rambhadracharya Video Controversy: भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार उनके निशाने पर कथावाचक और धर्म गुरु रामभद्राचार्य हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द रामभद्राचार्य पर एक्शन ले. संत को जेल में डाला जाए नहीं तो उनकी पार्टी (भीम आर्मी) मौका मिलते ही उनकी 'सेवा' (पिटाई के संदर्भ में) कर देगी. आइए, जानते हैं कि यह पूरा विवाद क्या है और यह कैसे शुरू हुआ था:


यह बवाल रामभद्राचार्य की 8 जनवरी को बिहार के करपी अरवल में हुई एक कथा के बाद मचा था. उन्होंने उस दौरान भगवान राम को पूजने की बात कही थी. उन्होंने तब राम का नाम न जपने वालों के लिए एक जाति का जिक्र करते हुए कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. कथा में उनके बयान का वीडियो जब बाद में सोशल मीडिया पर आया तो वह आग की तरह फैल गया. क्लिप के वायरल होने के बाद उक्त जाति के लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिली. सोशल मीडिया पर रामभद्राचार्य को अरेस्ट करने की मांग के साथ हैशटैग ट्रेंड (#ArrestRambhadracharya) भी हुआ.


Bhim Army Chief ने संत को बताया 'पाखंडी'


आजाद ने आचार्य की टिप्पणी को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, “यह जातीय कुंठा से ग्रसित एक पाखंडी है, जो संत के वस्त्र पहन कर भी जातिगत गाली-गलौज और जातीय ऊंच-नीच की बातें करता रहता है. इसके बयान तमाम मेहनतकश एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों व जातियों के साथ हमारे महापुरुषों का भी अपमान है. इसे यह बहुजन समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. व्यक्ति कर्म से बड़ा होता है, जाति से नहीं. जाति के आधार पर ऊंच-नीच की बात करने वाला खुद महानीच होता है."


चंद्रशेखर हुए आक्रमक


चंद्रशेखर ने आगे तल्ख तेवर में लिखा, “सरकार को चेतावनी है...या तो इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके तत्काल जेल में डालो वरना भीम आर्मी मौका मिलते ही इनकी 'सेवा' कर देगी.” चंद्रशेखर के अलावा सोशल मीडिया पर कई और लोग रामभद्राचार्य के इस बयान की निंदा कर रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


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