भारत बायोटेक के सूत्रों की तरफ से वैक्सीन प्रोडक्शन को लेकर कुछ जानकारी दी गई है. जिसमें बताया गया है कि, WHO से EUL मिलने के बाद UN को बाकी एजेंसियों को वैक्सीन सप्लाई करनी थी, लेकिन कोई ऑर्डर नहीं मिला. भारत और कुछ देशों को हमने वैक्सीन सप्लाई की और ये इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन पर किया था. भारत बायोटेक ने कहा कि, ज्यादातर ऑर्डर हमने पूरे कर दिए हैं वहीं आगे के लिए कुछ बफर स्टॉक तैयार किया है. 


प्रोडक्शन हो रहा है कम
कंपनी के सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि, फरवरी से प्रोडक्शन कम करना शुरू कर दिया था, इसके बारे में पहले से प्लानिंग कर ली गई थी. ज्यादातर ऑर्डर पूरे किए गए हैं. हमने अंकलेश्वर की फैसिलिटी और कुछ और फैसिलिटी बंद करने का फैसला किया है. वहीं कुछ में कोवैक्सीन का प्रोडक्शन कम करेंगे क्योंकि ज्यादातर सप्लाई पूरी की जा चुकी है और अभी डिमांड उतनी नहीं है.


लैब में होंगे कई बदलाव
भारत बायोटेक ने कहा कि, WHO ने फैसिलिटी विजिट की थी और उसके बाद फैसिलिटी में जीएमपी (गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिस) के तहत कुछ बदलाव करने को कहा, ये तमाम बदलाव किए जाएंगे और इसमें 4 से 6 महीने का वक्त लग सकता है. इसमें करोड़ों रुपए की लागत आएगी. हर वैक्सीन के लिए अलग जरूरत होती है. WHO ने और भी कोविड वैक्सीन कंपनी की वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग साइट पर भी विजिट किया है. वैक्सीन की सेफ्टी पर किसी भी तरह का कोई सवाल नहीं उठाया गया है. 


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