Bharat Bandh Live: बढ़ती तेल कीमतों के विरोध में शिवसेना नेताओं-कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर स्कूटी में लगाई आग

देश में लगातार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, गुड्स एवं सर्विस टैक्स, ई-बिल को लेकर व्यापारिक संस्था द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तरफ से आज 'भारत बंद' का ऐलान किया गया है. देशभर के 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले करीब 40 हजार ट्रेड एसोसिएशंस ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की तरफ से किए जाने वाले ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है. पल-पल अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज के साथ...

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 26 Feb 2021 02:49 PM
देश में आसमान छू रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों के विरोध में केरल में कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए. इस दौरान केरल सचिवालय के सामने पार्टी के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुर से सांसद शशि थरूर रस्सी से ऑटो को खींचते हुए नजर आए. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता और पार्टी के कार्यकर्ता भी थे.
बढ़ती तेल कीमतों के विरोध में अपना प्रदर्शन दर्ज कराते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने घर से लेकर सचिवालय तक शुक्रवार को साइकिल की सवारी की.

शिवसेना के नेता और कार्यकर्ताओ ने तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में जम्मू में स्कूटी में आग लगा दी.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तरफ से बुलाए गए देशव्यापी बंद के चलते पश्चिम बंगाल के बीरभूम में दुकानों के शटर बंद दिख रहे हैं.

Bharat Bandh LIVE; कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने ईंधर की बढ़ती कीमतों, नए ई-वे बिल और जीएसटी को लेकर राष्ट्रव्यापी बंद बुलाया है. ओडिशा के भुवनेश्वर में सड़कों पर और ज्यादातर गाड़ियां नदारद दिख रही हैं.
Bharat Bandh LIVE: भारत बंद को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने पहले ही कैट के व्यापार बंद को न केवल समर्थन दिया है बल्कि देश भर में ट्रांसपोर्ट का चक्का जाम करने की भी घोषणा की है.
भारत बंद के दौरान सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए आज अपने वाहन पार्क करने के लिए कहा है. देश भर के अलग अलग राज्यों में विरोध स्वरूप 1500 जगहों पर धरने का आयोजन किया जाएगा. इससे लोगों को परेशानी हो सकती है.
भारत बंद के दौरान सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे. सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट के समर्थन में सुबह 6 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक चक्का जाम का ऐलान किया है. किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई/उतराई बंद रहेगी.
व्यापारियों के भारत बंद में करीब 8 करोड़ छोटे कारोबारी शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के करीब 1 करोड़ ट्रांसपोर्टर और लघु उद्योग और महिला उद्यमियों के भी इसें शामिल होने का दावा किया जा रहा है.

बैकग्राउंड

देश में लगातार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, गुड्स एवं सर्विस टैक्स, ई-बिल को लेकर व्यापारिक संस्था द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तरफ से आज 'भारत बंद' का ऐलान किया गया है. देशभर के 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले करीब 40 हजार ट्रेड एसोसिएशंस ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की तरफ से किए जाने वाले ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है. यह बंद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों में समीक्षा की मांग को लेकर किया जा रहा है.


 


ई-वे बिल को खत्म करने को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) ने भी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से किए जाने वाले भारत बंद का समर्थन किया है. एक बयान में कैट ने कहा है कि देश भर में सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां शुक्रवार को बंद रहेंगी. इसके अलावा उसने कहा कि लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमियों एवं व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन भी व्यापार बंद को अपना समर्थन देंगे.


 


बयान में कहा गया है कि सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे-बड़े संगठन शुक्रवार को धरना देंगे. भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि 22 दिसंबर और उसके बाद जीएसटी नियमों में एकतरफा अनेक संशोधन किये गए जिनको लेकर देश भर के व्यापारियों में बड़ा गुस्सा है. इन संशोधनों द्वारा कर अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं, जिनमें विशेष तौर पर अब कोई भी अधिकारी अपने विवेक के अनुसार कोई भी कारण से किसी भी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर ससपेंड कर सकता है.


 


उन्होंने कहा की इस प्रकार के नियमों से न केवल भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि अधिकारी किसी भी व्यापारी को प्रताड़ित कर सकेंगे. भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि इसी प्रकार जिस तरह से विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां अपने मनमाने तरीके से ई-कॉमर्स के कानून एवं नीतियों का उल्लंघन कर रही है. उसको रोकने के लिए सरकार को शीघ्र ही एफडीआई पालिसी में नया प्रेस नोट जारी करना चाहिए और कानून का उल्लंघन करने वाली ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

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