बेंगलुरु: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक में चुनाव प्रचार के लिए आज से बेंगलुरू मंडल में दो दिनों की यात्रा करेंगे. राज्य में 12 मई को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इसी सिलसिल में कांग्रेस अध्यक्ष प्रचार के अपने छठे चरण के तहत कोलार, चिकबालापुर और बेंगलुरु का दौरा करेंगे. राहुल मुलाबागिलु में कुडुमलाई गणेश मंदिर में दर्शन के बाद अपना दौरा शुरू करेंगे और बाद में रोड शो करेंगे.


वो कोलार और चिकबालापुर में नुक्कड़ सभा और रैली को संबोधित करेंगे. राहुल आठ अप्रैल को बेंगलुरु में सफाई कर्मचारियों और उद्योगपतियों से बातचीत करेंगे. इसके बाद वो इस जन आशीर्वाद यात्रा के समापन पर जनसभा को संबोधित करेंगे.


चरम पर है लिंगायत और मठों की राजनीति


इसके पहले अपने कर्नाटक दौरे के दौरान राहुल ने बीते बुधवार को सिद्धगंगा मठ का रुख किया. वहां उन्होंने 111 साल शिव कुमार स्वामी से मुलाकात की. आपको बता दें कि इन चुनावों में मठों की राजनीति अपने चरम पर है और इसी के तहत राहुल से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक मठाधिशों का आशीर्वाद पाने की होड़ में लगे हैं. राहुल से पहले शाह ने भी शिव कुमार स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त किया था.


राज्य में लिंगायत वोटों की राजनीति गर्म है और इस समुदाय के लोग स्वामी को भगवान का दर्जा देते हैं. असल में कर्नाटक में पिछले तीन दशक से राजनीति में मठों का दखल है. यहां तीन समुदायों के अलग-अलग 600 से ज्यादा मठ हैं जिनके पास चुनाव में हार जीत तय करने की ताकत है. यही वजह है कि तमाम नेता मंदिर मंदिर जाकर मत्था टेक रहे हैं.


इन चुनाव के मद्देनज़र लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देना बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है. राज्य की कांग्रेस पार्टी की सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने का फैसला लेकर बॉल केंद्र के मोदी सरकार के पाले में डाल दी है. कांग्रेस की सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने की जो चाल चली है उसपर बीजेपी का कहना कि वो इसे सफल नहीं होने देगी.