कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में गुरुवार से दिन भर भारी बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया है. बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के प्रभाव से कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है.


कम दबाव आज बंगाल के रास्ते बिहार जाने की संभावना है. यह दबाव मुर्शिदाबाद, बीरभूम और धीरे-धीरे बिहार और झारखंड की ओर जाएगा. सैकत घोष, जो कल घर लौटते वक़्त कमर तक पानी में चल कर गए, उन्होंने बताया “कल की बात करें तो जब मैं घर लौट रहा था तब भी मेरी कमर के ऊपर पानी था. सामान्य समय में मुझे चिनार पार्क से हवाई अड्डे तक जाने में 15-20 मिनट लगते हैं. कल इसमें लगभग 2 घंटे लगे.”


प्रशासन सुरक्षा के लिए है, है ना? सैकत घोष


सैकत घोष ने आग बताया, “मुझे इस मार्ग का उपयोग करते हुए 6 वर्ष हो गए हैं. मैं पहली बार इतना पानी देख रहा हूं. यह मेरे लिए बहुत आश्चर्य की बात है. यहां प्रशासन का क्या काम है? प्रशासन सुरक्षा के लिए है, है ना? तो मैं जो कह सकता हूं, वह यह है कि इंजीनियर को थोड़ा ध्यान देना पड़ेगा. गलती पूरी तरह से इंजीनियरिंग की गलती है क्योंकि सरकार पैसा लगाती है लेकिन काम इंजीनियरों द्वारा किया जाता है.“


लगातार बारिश और भीषण जलभराव ने कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल की राजधानी शहर के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बंद करने के लिए मजबूर किया है. यह हालत सिर्फ किसी एक दो जगह की नहीं बल्कि शहर में कई झगहा पर यही नज़ारा था.


क्या यही वह लंदन है जिसके लिए जनता ने दीदी को वोट दिया- विजय कुमार राम


विजय कुमार राम ने बताया, "आप यहां समस्याओं को देख सकते हैं, बहुत अधिक ट्रैफिक जाम और जलभराव है. जब चिनार पार्क और हवाई अड्डे जैसे कोलकाता के पॉश इलाकों में जलभराव हो जाता है, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि कोलकाता के बाकी हिस्सों में क्या स्थिति है. क्या यही वह लंदन है जिसके लिए जनता ने दीदी को वोट दिया, ममता बनर्जी, जनता ने उनसे इतनी उम्मीद दिखाई और उन्हें वापस चुना, अब यह जनता पर है कि वह एक विचार करे.”


उन्होंने आगे कहा कि, “यह ऐसे नहीं चल सकता, जनता कब तक इन समस्याओं से जूझती रहेगी. चिनार पार्क और एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में जलजमाव की यह समस्या कोई नई नहीं है, यह लंबे समय से चली आ रही है. थोड़ी सी बारिश भी जलजमाव की ऐसी स्थिति पैदा कर देती है, अब मुझे नहीं पता कि सरकार आगे क्या कदम उठाएगी लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह समस्या कब हल होगी क्योंकि यह कई सालों से चल रहा है. आइए देखें कि अगला कदम क्या होगा, मुझे लगने लगा है कि यह वही लंदन है जिसके बारे में हमें बताया गया था और यही हमें मिला है.“


पानी कम होते ही आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी- बिजली बोर्ड


सीईएससी लिमिटेड ने पिलखाना, पंचानंतला और बेलिलियस लेन जैसे क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी. “लगातार बारिश के परिणामस्वरूप जल-जमाव के कारण और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अत्यधिक सावधानी के कारण, निम्नलिखित क्षेत्रों में आपूर्ति कुछ समय के लिए बंद कर दी गई है: पिलखाना क्षेत्र में फकीरबागन, बेलपार्क, आईआर बेलिलियस लेन, श्री किशन भक्त लेन , पंचानंतला, राशुन गोल्डार लेन, बगदीपारा, सीतानाथ बोस लेन, भैरब दत्ता लेन, शैलेंद्र नाथ बोस लेन, बोगा नोआपारा, बेलिलियस पार्क, डोबसन रोड, हामिद उद्दीन मुंशी लेन, गंगा राम बैरागी लेन, मुखराम कनोरिया रोड, सैलो कुमार मुखर्जी रोड, गुलमोहर रेलवे कॉलोनी,” बिजली बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक आधिकारिक बयान में कहा.


पानी कम होते ही आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी. "आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है. कृपया हमारे साथ रहें,” कंपनी ने अपने बयान में कहा. शहर के कई प्रमुख क्षेत्र अब पानी के भीतर हैं. हावड़ा में भी, अधिकांश सड़कें घुटने से ऊपर और कमर के ऊपर भी कुछ निचले इलाकों में पानी के स्तर से पूरी तरह से डूब गई हैं. कुछ लोगों ने इसको प्रशाशन की गलती भी बताया. अरिजीत खान बोले “काम तो हो रहा है लेकिन साफ तौर पर नहीं हो रहा है. जब सड़क का काम हो रहा होता है तो जो कूड़ा-करकट फेंकना होता है उसे वहीं छोड़ दिया जाता है और बारिश फिर आ जाती है. इसके बाद नालियां जाम हो जाती हैं. काम पूरी तरह से ठीक से नहीं हो रहा है.“


ड्रेनेज सिस्टम के कारण हो रही हैं- दुलाल नस्कर


अत्यधिक बारिश के कारण हुगली नदी में पानी खतरे से ऊपर बह रहा है. कई जिलों में नदी बांध टूटने की भी खबर है. इससे कई गांवों में बाढ़ का खतरा भी पैदा हो गया है. इसे देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. दुलाल नस्कर का कहना हैं की यह समस्या ड्रेनेज सिस्टम के कारण हो रही हैं. “ड्रेनेज सिस्टम के कारण यह समस्या हो रही है, एक बार जब वे इसे ठीक कर लेंगे तो पानी कम हो जाएगा. लेकिन जब तक वे ड्रेनेज सिस्टम में सुधार नहीं करते हैं, तब तक जलभराव होता रहेगा. खैर, मैं क्या कह सकता हूं, यह समस्या मंत्रियों को देखने की है. यदि पानी कम हो जाता है तो सड़क पर ट्रैफिक जाम नहीं होगा, लेकिन अगर जलभराव रहता है तो सड़क पर ट्रैफिक जाम हो जाएगा,” दुलाल नस्कर ने बताया.


मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह तक कोलकाता में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया


दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर यार्ड में मूसलाधार बारिश के कारण रेलवे पटरियों के नीचे कीचड़ जमा हो गया है, जिससे मालगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई है. इसके अलावा, हल्दिया और टिकियापारा यार्ड में भी जलभराव से रेल नेटवर्क भी ठप हो गया. कोलकाता में पिछले 24 घंटों में 76 मिमी बारिश हुई, जबकि आसपास की साल्ट लेक में 50 मिमी बारिश हुई. इस अवधि के दौरान खड़गपुर में अधिकतम 260 मिमी बारिश हुई, इसके बाद मेदिनीपुर (230 मिमी) में बारिश हुई.


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