कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी के बीच विवाद बढ गया है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राज्य की कानून व्यवस्था की 'भयावह' स्थिति के बारे में तत्काल आधार पर उन्हें जानकारी देने को कहा था. लेकिन शनिवार रात तक सचिवालय की ओर से कोई भी जवाब नहीं दिए जाने के बाद धनखड़ ने राज्य सरकार का 'गैर-जिम्मेदार रुख' करार दिया है.


राज्यपाल धनखड़ ने सुबह ट्वीट किया था, 'मेरे निर्देशों के बारे में ममता बनर्जी के कार्यालय को सूचित किया गया कि मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की विकट स्थिति के बारे में मुझे तत्काल जानकारी दें. मुख्य सचिव को दोपहर दो बजे तक जवाब देने के निर्देश दिए गए.'


मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव की ओर से शाम तक भी कोई जवाब नहीं मिलने पर राज्यपाल ने ट्वीट किया, 'दुर्भाग्य से मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय ने कोई उत्तर नहीं दिया.'





"बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है"
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. उन्होंने साथ ही कहा कि कांग्रेस और वाम दल मिलकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ेंगे. राज्य में अगले साल अप्रैल-मई महीने में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.


कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर राज्य सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राज्य मुख्यालय से लेकर दो किलोमीटर लंबा मार्च निकाला. इस दौरान, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली के दामों में बढ़ोतरी और दैनिक जरूरतों के सामानों की बढ़ती कीमतों को लेकर भी विरोध जताया.


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