दिसपुर: असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान के लिए सोमवार का दिन बेहद अहम है. सोमवार सुबह असम के लिए एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा और अंतिम ड्राफ्ट जारी होगा. ये प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चल रही है. इसी साल जनवरी में जारी हुई पहली लिस्ट में लागभग डेढ़ करोड़ लोगों का नाम नहीं आया था. ऐसे लोगों को उम्मीद है कि दूसरी लिस्ट में उनका नाम जरूर आएगा, हालांकि इस उम्मीद में एक चिंता में छुपी है कि अगर नाम नहीं आया तो क्या होगा?


कई लोगों को इस लिस्ट से बड़ी उम्मीद
टैक्सी ड्राइवर अली एनआरसी की दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रहे ये हैं. अली की बेटी और पत्नी का नाम तो पहली लिस्ट में आ गया लेकिन उनके खुद का नाम इस लिस्ट में नहीं आया है. अली कहतें हैं, "इंडियन हूँ मुझे कोई डर नहीं है." दरअसल असम में करीब डेढ़ करोड़ ऐसे लोग हैं जिन्हें सोमवार सुबह का इंतजार है. जिन इलाकों में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है उनमें से एक है नौगांव जिले के कंधोलिमारी का इलाका. यहां दवा की दुकान चलाने वाले जाकिर हुसैन कहते हैं कि 30 जुलाई वाली लिस्ट में उनका नाम जरूर आएगा. हालांकि, उनका साथ ही ये भी कहना है कि थोड़ी चिंता भी हो रही है.


NRC में छोटे बच्चों का नाम आसानी से नहीं जुड़ रहा
शिक्षक बहारुल इस्लाम का नाम पहली लिस्ट में आ चुका है लेकिन उनका कहना है कि प्रक्रिया दुरुस्त नहीं है. उनका कहना है कि असम सरकार गड़बड़ कर रही है. ऐसे ही एक शख्स हैं मोहिदुर रहमान. बहारुल की तरह इन्होंने भी शिकायत की कि NRC में छोटे बच्चों का नाम आसानी से नहीं जुड़ रहा. जहिरुल इस्लाम का नाम भी पहली लिस्ट में नहीं है. उनका दावा है कि जो यहां हैं वो सब सही है. हालांकि, उनकी साफ राय है कि 25 मार्च 1971 के बाद आए लोगों को बाहर करना चाहिए. लेकिन उससे पहले आए लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. जहिरुल को भरोसा है कि दूसरी लिस्ट में जिनका नाम नहीं आएगा उनको भी सरकार वक्त देगी. जहिरुल कहते हैं घबराने की जरूरत नहीं.


नाम नहीं आने वालों की मदद करेगी कांग्रेस
वाहिद जमां का नाम पहली लिस्ट में था लेकिन उनके परिवार के ही कई लोगों का नाम गायब था. ये स्थिति पूरे असम की है. सोमवार को NRC ड्राफ्ट जारी होने के बाद लोग स्थानीय सेवा केंद्रों में जाकर जानकारी ले सकते हैं. इसके मद्देनजर NRC के कामकाज से जुड़े सरकारी कार्यालयों से लेकर राज्य के सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उधर लिस्ट को लेकर लोगों की जिज्ञासा और कशमकश के बीच राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. कांग्रेस लोगों से कह रही है कि जो लोग अगली लिस्ट में भी छूट जाएंगे वो ना घबराएं, पार्टी ऐसे लोगों की मदद के लिए कैंप लगाएगी और कानूनी मदद देगी.


जिनका नाम लिस्ट में नहीं होगा उनका क्या होगा?
कांग्रेस के बड़े नेता गौरव गोगोई ने एबीपी न्यूज से कहा कि NRC ऐतिहासिक कदम है जिसकी शुरुआत कांग्रेस ने की. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी आड़ में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) राजनीतिकरण की कोशिश कर रही है. गौरव ने कहा कि लोग चिंतित ना हों और धीरज रखें. सोमवार सुबह NRC की दूसरी और आखिरी लिस्ट जारी होगी. इस रजिस्टर का पहला ड्राफ्ट 31 दिसंबर को प्रकाशित हुआ था. इस रजिस्टर में उन लोगों के नाम होंगे जो भारत के नागरिक माने जाएंगे. इसके लिए कटऑफ डेट है 25 मार्च 1971. यानी वो लोग जो खुद, उनके माता-पिता या उनके पूर्वज इस तारीख के पहले से असम में रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिक माना जाएगा. बड़ा सवाल बरकरार है कि जिनका नाम इस लिस्ट में नहीं होगा उनका होगा क्या?