नई दिल्ली: डोकलम विवाद के बाद पहली बार सेना के सभी कमांडर्स को थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सभी सैन्य कमान और यूनिट्स को किसी भी समय किसी भी तरह की परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. जनरल रावत के मुताबिक इसके लिए बेहद जरूरी है कि सेना के पास पर्याप्त गोला-बारुद और सैन्य-उपकरण हों.


इन दिनों राजधानी दिल्ली में एक हफ्ते का आर्मी कमांडर्स का कॉन्फ्रेंस चल रहा है. थलसेना के इस सबसे बड़े सम्मेलन में सभी कमान और यूनिट्स के मुखिया शामिल होते हैं. शुक्रवार को इस सम्मेलन की मुख्य बातें बताने के लिए सेना के लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह ने मीडिया को संबोधित किया. अपने मीडिया संबोधन में विजय सिंह ने कहा कि थलसेना अध्यक्ष ने अपने भाषण में सभी सैन्य कमांडर्स को किसी भी मुश्किल हालत से निपटने के लिए तैयार रहने पर जोर दिया है.


लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह के मुताबिक, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सैन्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंरिक और बाहरी दुश्मनों से निपटने में सेना की तारीफ की. रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना को अपनी ताकत को एक समय-सीमा में बढ़ाना चाहिए.


सैन्य सम्मेलन में चीन सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर खासा जोर दिया गया. इसके लिए सेना के सेंट्रल सैक्टर यानि उत्तराखंड के चार मुख्य दर्रों को 2020 तक मैनलैंड से जोड़ना है. ये दर्रें हैं लिपूलेख, नीति, थांगला-वन और सांगचोकला. इसके अलावा उत्तरी कमान यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सेक्टर में बीआरओ को और अधिक फंड दिए जाएंगे ताकि इन इलाकों की सीमावर्ती इलाकों में ज्यादा से ज्यादा सड़कों का जाल बिछाया जा सके.