पुणे और मुंबई के कई व्यापारियों को डेयरी व्यवसाय में निवेश का लालच देकर 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का मामला सामने आया है. इस घोटाले में कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के भी फंसने की जानकारी मिली है. इस मामले की जांच के दौरान आज ED ने बारामती में छापेमारी शुरू की है. आपको बता दें कि बरामती डेयरी प्राइवेट लिमिटेड ने जालोची (तहसील बरामती) के रहने वाले अनंद सतिश लोखंडे (28) और विद्या सतिश लोखंडे (24) के खिलाफ 10,21,59,367 की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है.

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लोखंडे दंपति पर पुणे और मुंबई के अन्य लोगों को भी इसी तरह ठगने का आरोप है. दंपति खुद को एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता का समर्थक बताकर युवा उद्यमी के रूप में पेश करते थे. आरोप है कि उन्होंने बरामती तहसील में विभिन्न क्षेत्रों में कई कंपनियां खोलकर बड़े पैमाने पर लोगों से पैसा ऐंठा. सूत्रों ने बताया की ये लोग कैसे ठगने का काम करते थे?

ठगी की शिकायत मुंबई EOW में दर्ज कराईमुंबई की एक कंपनी से 2 करोड़ का बटर खरीदा और कहा कि एक हफ़्ते में भुगतान करेंगे, लेकिन भुगतान नहीं किया. इसी कंपनी से दूध आपूर्ति के नाम पर ₹93 लाख लिए, लेकिन सप्लाई की ही नहीं. दूध व्यापारियों को लाभ देने के नाम पर 6.43 करोड़ के बिल जमा किए, मगर रकम का दुरुपयोग हुआ. कई अन्य लेनदेन में चेक दिए गए, जो बाउंस हो गए. बरामती के इस दंपति ने मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों को निवेश का लालच दिया था. इन अधिकारियों ने भी ठगी की शिकायत मुंबई EOW में दर्ज कराई है.

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EOW क्या है?

देश में जब कोई बड़ा वित्तीय घोटाला या निवेश से जुड़ी ठगी सामने आती है तो अक्सर एक नाम सबसे ज्यादा सुनाई देता है. EOW, जिसे आर्थिक अपराध शाखा कहा जाता है. यह पुलिस की एक विशेष जांच इकाई होती है, जो आम अपराधों से अलग उन मामलों को देखती है जिनमें पैसों की बड़ी हेराफेरी, निवेश धोखाधड़ी, बैंकिंग घोटाले या ऑनलाइन वित्तीय ठगी शामिल होती है.

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