5 Arrested In bank Fraud Case Mumbai: मुंबई की सिटी सिविल और सेशन कोर्ट (सीबीआई मामलों के लिए विशेष अदालत, कोर्ट नंबर 48) ने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में पांच आरोपियों को 1 से 2 साल की कड़ी कैद (रिगोरस इमप्रिजनमेंट) की सजा सुनाई है. साथ ही, सभी दोषियों पर कुल 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

दोषियों में राष्ट्रीय वस्त्र निगम (एनटीसी), पश्चिमी क्षेत्र, मुंबई के तत्कालीन प्रशासन प्रभारी (विशेष ड्यूटी अधिकारी) सुनील दत्तात्रेय सातम, फिनले मिल के तत्कालीन सहायक प्रबंधक सदानंद जगन्नाथ वर्धम, तत्कालीन लेखा अधिकारी अरुण आत्माराम बेलनेकर, तत्कालीन लेखा अधिकारी अनंत धोंडू महाडिक और निजी ट्रांसपोर्टर आनंद यशवंत साबले शामिल हैं.

किसे कितनी सजा मिली?

  • सरकारी कर्मचारियों सुनील दत्तात्रेय सातम, सदानंद जगन्नाथ वर्धम, अरुण आत्माराम बेलनेकर और अनंत धोंडू महाडिक को 1 साल की कड़ी कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई.
  • निजी ट्रांसपोर्टर आनंद यशवंत साबले को 2 साल की कड़ी कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा दी गई.

क्या था मामला?

सीबीआई ने 6 जनवरी, 2014 को यह मामला दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि एनटीसी के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना टेंडर निकाले ट्रांसपोर्ट का काम सीधे आनंद साबले को सौंप दिया. इसके बाद, साबले ने फर्जी बिल बनाकर माल ढुलाई का झूठा खर्च दिखाया, जिससे एनटीसी को 37 लाख रुपये का नुकसान हुआ और आरोपियों को अनुचित लाभ मिला.

जांच के बाद, सीबीआई ने 30 दिसंबर 2014 को चार्जशीट दाखिल की. फिर, 13 नवंबर 2017 को आरोप तय किए गए और कुल 21 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. सुनवाई के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई. इस फैसले से ये तो स्पष्ट पता चल रहा है कि प्रशासन पदों का गलत इस्तेमाल करने वालों को नहीं बख्श रहा है.

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