बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोप में हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति की पीटकर हत्या कर दी गई और उसके शव को आग लगा दी गई. यह देश में धार्मिक अल्पसंख्यक के खिलाफ हिंसा की नई घटना है. ‘बांग्ला ट्रिब्यून’ समाचार पोर्टल के अनुसार मृत व्यक्ति की पहचान दीपू चंद्र दास (25) के रूप में हुई, जो मैमनसिंह शहर में एक कारखाने में काम करते थे.

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हिंदू युवक की मौत पर अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'मानवता कलंकित हुई है. यह मानवता की हत्या है. जिस क्रूरता से बच्चे की हत्या की गई और उसकी मृत्यु के बाद उसके साथ जो किया गया, उसे पेड़ से लटकाना, सरासर गलत है. जिन बांग्लादेशियों की भारत ने हमेशा मदद की है, ये कृतघ्न बांग्लादेशी भूल गए हैं कि भारत हर तरह से उनके साथ खड़ा रहा है. वे मानवाधिकार संगठन कहां हैं?' 

डॉ. इमाम उमर अहमद इल्यासी ने आगे कहा कि मानवाधिकार संगठन आवाज क्यों नहीं उठा रहे हैं?. यह किस तरह की इस्लामी शिक्षा है कि वे इस तरह की हत्याएं कर रहे हैं?. ये इस्लाम के अनुयायी नहीं हो सकते. प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना चाहिए."

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का बयानबांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार (19 दिसंबर 2025)  को एक बयान में मैमनसिंह शहर में हिंदू समुदाय के व्यक्ति की पीटकर हत्या किये जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. सरकार ने कहा, 'इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.' पुलिस ने बताया कि दास को पहले गुरुवार रात कारखाने के बाहर भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पीटा और फिर एक पेड़ से लटका दिया. भालुका मॉडल थाने के निरीक्षक (जांच) अब्दुल मलिक ने समाचार पोर्टल को बताया, 'घटना के बाद, आक्रोशित भीड़ ने मृत व्यक्ति के शव को ढाका-मैमनसिंह राजमार्ग के किनारे छोड़ दिया और उसे आग लगा दी.

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