Agni Prime Missile Flight Test: नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' का पहला प्री इंडक्शन नाइट लॉन्च (उड़ान परीक्षण)  गुरुवार (7 जून) को ओडिशा के तट से सफलतापूर्वक किया गया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शाम 7:30 बजे मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया. 


रक्षा मंत्रालय के अधिकारिक बयान के मुताबिक, मिसाइल के उड़ान परीक्षण के दौरान सभी उद्देश्यों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया. बयान के मुताबिक, यह मिसाइल के तीन सफल विकास परीक्षणों के बाद यूजर्स की ओर से आयोजित पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था, जो सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता को मान्य करता है.






अग्नि प्राइम के परीक्षण को लेकर रक्षा मंत्रालय ने दी ये जानकारी 


बताया गया कि रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था, जिसमें दो डाउन-रेंज जहाज शामिल थे, ताकि वाहन के पूरे ट्रेजेक्टरी (प्रक्षेप पथ) को कवर करने वाले उड़ान डेटा को कैप्चर किया जा सके.


सशस्त्र बलों में सिस्टम के शामिल होने का मार्ग हुआ प्रशस्त


बयान में कहा गया कि डीआरडीओ और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफल उड़ान परीक्षण को देखा. इस परीक्षण ने सशस्त्र बलों में प्रणाली को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया है. रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ की सफलता के साथ-साथ कॉपी-बुक प्रदर्शन के लिए बधाई दी है.


रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉक्टर समीर वी कामत ने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण लॉन्च में शामिल यूजर्स की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना की.


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