नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 5वें आयुर्वेद दिवस पर भविष्‍य के लिए तैयार दो आयुर्वेद संस्थान राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये संस्‍थान- भारतीय आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान (आईटीआरए) संस्‍थान जामनगर और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) जयपुर हैं. दोनों संस्थान देश में आयुर्वेद के प्रमुख संस्थान हैं. आईटीआरए को संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनए) का दर्जा दिया गया है, जबकि आईएनए को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सम-विश्‍वविद्यालय (डीम्‍ड टू बी यूनिवर्सिटी) का दर्जा दिया गया है.


आयुष मंत्रालय 2016 से हर साल धनवंतरि जयंती (धनतेरस) के अवसर पर ‘आयुर्वेद दिवस’ मनाता है. इस साल, यह दिवस 13 नवंबर को पड़ रहा है. अभी हाल ही में संसद के एक अधिनियम द्वारा सृजित किया गया जामनगर का संस्‍थान विश्‍व स्‍तर के स्‍वास्‍थ्‍य सेवा संस्थान के रूप में उभरने के लिए तैयार है. आईटीआरए में 12 विभाग,  तीन नैदानिक प्रयोगशालाएं और तीन अनुसंधान प्रयोगशालाएं स्‍थापित की गई हैं.





यह पारंपरिक चिकित्सा में अनुसंधान कार्य में अग्रणी संस्‍थान है और वर्तमान में  यहां 33 अनुसंधान परियोजनाएं चल रही हैं. आईटीआरए का गठन गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर, जामनगर में स्थित चार आयुर्वेद संस्थानों के समूह को मिलाकर किया गया है. यह आयुष क्षेत्र का ऐसा पहला संस्थान है, जिसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्राप्‍त है. उन्‍नयन दर्जे के साथ इस संस्‍थान को आयुर्वेद शिक्षा के मानकों को उन्‍नयन करने में स्वायत्तता प्राप्‍त होगी, क्योंकि यह संस्‍थान आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार पाठ्यक्रम उपलब्‍ध कराएगा. इसके अलावा आयुर्वेद को एक समकालीन स्‍वरूप प्रदान करने के लिए अंतर-विषयी सहयोग का भी निर्माण करेगा.


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