अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अब ध्वजारोहण होना है. पिछले साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब कल यानि मंगलवार (25 नवंबर) को राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा. पीएम मोदी के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत और विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 8 हजार विशिष्टजन इस ऐतिहासिक समारोह के साक्षी बनेंगे. इस कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी बुलाया गया है, लेकिन जगतगुरु रामभद्राचार्य को निमंत्रण पत्र नहीं सौंपा गया है, इसे लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है.

Continues below advertisement

'हम एक महीने तक जेल में रहे'एबीपी न्यूज से इस मुद्दे पर रामभद्राचार्य ने खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए हम लोगों ने बलिदान दिया, लेकिन आज जो लोग सवाल उठा रहे हैं उन्होंने आंदोलन में कभी हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने आगे कहा कि हमने 1984 से अबतक जो आहूति दी, जो श्रम किया, हम एक महीने तक जेल में रहे, पुलिस के डंडे खाए. आज हमारा वो श्रम सफल हो गया है.  

'राम के उपासकों को आज उचित सम्मान नहीं मिल रहा'एक सवाल के जवाब में जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि राम के उपासकों को आज उचित सम्मान नहीं मिल रहा है. 1984 में जब से राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ है मैं तबसे जुड़ा हूं. पुलिस के डंडों की वजह से मेरी दाहिनी कलाई टेढ़ी हो चुकी है. उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर सुनवाई के दौरान मेरी गवाही भी कोर्ट में काफी महत्वपूर्ण साबित हुई. मैं आध्यात्मिक दृष्टि से भगवान राम को देखता हूं. 

Continues below advertisement

'हमको आमंत्रण नहीं भेजा गया'जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि इतना सब करने के बाद भी हमारी उपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं. हमको इस कार्यक्रम का आमंत्रण भी नहीं भेजा गया. उन्होंने आगे कहा कि ये लोग किसी की सुनना ही नहीं चाहते. जब उनसे पूछा गया कि इन सब चीजों को लेकर आप दुखी हैं तो उन्होंने कहा कि मैं दुखी तो नहीं पर रुष्ट बहुत हूं. 

ये भी पढ़ें

जिसे परिवार ने मान लिया था मृत, वो 37 साल बाद निकला जिंदा! जानें, SIR ने बंगाल के परिवार को कैसे मिलाया