अयोध्या राम मंदिर ध्वजारोहण को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी हद में रहना चाहिए क्योंकि भारत अपने आंतरिक मामलों में दखल बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा.

Continues below advertisement

राजपूत ने पाकिस्तान की सरकार और सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर निशाना साधते हुए कहा, 'भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और हमारा संविधान स्थिर है, जो हर 8-10 साल में नहीं बदलता जैसा पाकिस्तान में होता है.' उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने मसले खुद सुलझाने में सक्षम है और पाकिस्तान की ये टिप्पणी उसे 'अपनी मौत बुलाने जैसी है'. राजपूत ने दावा किया कि पाकिस्तान बहुत जल्द टूटने की कगार पर है और उसे भारत पर टिप्पणी करने की बजाय अपने हालात सुधारने चाहिए.

क्या कहा था पाकिस्तान ने?पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर राम मंदिर के निर्माण और ध्वजारोहण को पाकिस्तान ने चिंता और गंभीरता के साथ लिया है. भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में न रखते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा है कि बाबरी मस्जिद सदियों पुरानी एक ऐतिहासिक इबादतगाह थी. इसके बाद पाकिस्तान ने 6 दिसंबर 1992 की घटना का जिक्र किया. पाकिस्तान ने प्रोपगैंडा फैलाते हुए कहा है कि भारत का सिस्टम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है. जिस पाकिस्तान में हिन्दुओं के ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहर धूल खा रहे हैं, वहां की सरकार ने कहा कि भारत में हिन्दुत्व की विचारधारा के तहत मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है.

Continues below advertisement

विदेश मंत्रालय ने भी खारिज किया था पाकिस्तान का बयानविदेश मंत्रालय ने अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ध्वजारोहण करने की पाकिस्तान द्वारा की गई आलोचना को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि अल्पसंख्यकों के प्रति 'धर्मांधता' और 'दमन' के रिकॉर्ड वाले पड़ोसी देश को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने कथित टिप्पणियों को देखा है और उन्हें पूरी तरह से खारिज करते हैं. यह एक ऐसा देश है जिसका रिकॉर्ड धर्मांधता, दमन और अल्पसंख्यकों के प्रति संस्थागत व नीतिगत दुर्व्यवहार के मामले में दागदार है.' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है. पाखंडपूर्ण उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान को अपने भीतर झांककर अपने मानवाधिकारों के खराब रिकॉर्ड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राम मंदिर के निर्माण के पूरा होने पर मंदिर के शिखर पर 'धर्म ध्वजा' फहराया था.